रेफर के चक्कर फंस रहीं गर्भवती महिलाएं

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : गर्भवती महिलाओं का इलाज सुनिश्चित करने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम साबि

By Edited By: Publish:Sun, 29 Nov 2015 07:27 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2015 07:27 PM (IST)
रेफर के चक्कर फंस रहीं गर्भवती महिलाएं

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : गर्भवती महिलाओं का इलाज सुनिश्चित करने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम साबित हो रहा है। सेक्टर दस स्थित सामान्य अस्पताल में आए दिन गर्भवती महिलाओं को रेफर करने के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन उच्च अधिकारी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर दस अस्पताल में गायनी वार्ड स्थापित किया है। यहां सामान्य तरीके से प्रसव कराने की व्यवस्था है। लेकिन हालात यह है कि दिन के समय भी डाक्टर नहीं मिलते हैं। रविवार को तीन गर्भवती महिलाओं को सेक्टर दस रेफर कर दिया गया, जिन्हें डाक्टर ने देखा तक नहीं। मरीजों के परिजनों का आरोप है कि स्टाफ नर्स ही रेफर कर रही है। जबकि गायनी वार्ड में डाक्टर का होना जरूरी है। वैसे जिला स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर रखी है। आदेश है कि नार्मल डिलीवरी के लिए सेक्टर दस अस्पताल जाए और सिजेरियन के लिए जिला अस्पताल आए। गर्भवती महिला का सफर यही नहीं थमता। उसके बाद सब कुछ नार्मल होते हुए दिल्ली रेफर कर दिया जाता है। जबकि दिल्ली के अस्पताल में नार्मल डिलीवरी होती है। ऐसे कई मामले समाने आते हैं। दरअसल जिला अस्पताल में आपरेशन थियेटर व सभी सुविधा है। लेकिन सिजेरियन के लिए महिला रोग विशेषज्ञ समय पर नहीं पहुंच पाते। ऐसे में जूनियर डाक्टर के सामने रेफर करने के आलावा कोई चारा नहीं बचता। अस्पताल प्रधान चिकित्सा अधिकारी ऐसे मामलों पर जवाब मांग कर खानापूर्ति कर देती है।

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मैं अपनी गर्भवती भाभी सरोज को गांव सिकोहपुर से गांव कासन पीएचसी स्वास्थ्य केंद्र पर सुबह लेकर गया। वहां से सेक्टर दस अस्पताल के लिए भेज गया। वहां पहुंचे तो डाक्टर नहीं मिलने से जिला नागरिक अस्पताल के लिए भेज भेज दिया। अभी यह लाया गया है, देखते हैं कि यहीं रखेंगे या दिल्ली रेफर किया जाएगा।

-नन्हें सिंह।

मेरी पड़ोसन पूजा की डिलीवरी होनी है। सेक्टर दस लेकर गए लेकिन डाक्टर नहीं थी। स्टाफ नर्स ने बड़े अस्पताल रेफर कर दिया। अब देखना है कि यहां पर क्या करते हैं। क्योंकि यहां पता चला है कि कई घंटे रखने के बाद देर शाम रेफर करते हैं।

-सुशीला।

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मैं अपने छोटे भाई की पत्‍‌नी आशा को लेकर भवानी इंक्लेव से सेक्टर दस के अस्पताल में लेकर गया था। वहां से सिविल लाइन स्थित जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। यहां लेकर आए तो अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लिखा है, उसके बाद देखने को कहा है। जबकि आशा की हालत ठीक नही है।

-गोपाल सिंह।

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एक दो माह का पूरा रिकार्ड मंगवाते हैं, जिसमें देखा जाएगा कि कितनी महिला रेफर की गई। इससे डाक्टरों का कार्य सामने आ जाएगा।

-डा. प्रवीण गर्ग, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा।

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