निगम ने तैयार किया 1416 करोड़ का बजट

योगेंद्र सिंह भदौरिया, गुड़गांव : नगर निगम का वित्तीय वर्ष 2015-16 का बजट 1416 करोड़ रुपए का है। वि

By Edited By: Publish:Wed, 25 Mar 2015 08:10 PM (IST) Updated:Wed, 25 Mar 2015 08:10 PM (IST)
निगम ने तैयार किया 1416 करोड़ का बजट

योगेंद्र सिंह भदौरिया, गुड़गांव : नगर निगम का वित्तीय वर्ष 2015-16 का बजट 1416 करोड़ रुपए का है। विभिन्न मदों से करीब 14 सौ करोड़ रुपए की अनुमानित आय और 13 सौ करोड़ रुपए के अनुमानित खर्च का प्रस्ताव किया गया है। बजट को अंतिम रूप दे दिया गया है। शुक्रवार को होने वाली सदन की बैठक में बजट पर मुहर लगाई जाएगी।

वित्तीय वर्ष 2015-16 में 700 करोड़ रुपये की सर्वाधिक आय स्टांप ड्यूटी से होने का अनुमान है। संपत्ति कर से 200 करोड़, व्हीकल टैक्स से 370 करोड़, एक्साइज ड्यूटी से 35 करोड़, विज्ञापन से 25 करोड़ के अलावा ट्रेड लाइसेंस, एक्साइज ड्यूटी, बैंकों में जमा पैसा व एफडी ब्याज, तहबाजारी सहित अन्य मद से करीब 14 सौ करोड़ रुपए आय होने की उम्मीद निगम अधिकानियों ने लगाया है। वहीं वित्तीय वर्ष 2015-16 में रोड, ब्रिज, अंडर पास, हाईड्रोलिक प्लेटफार्म, अंडर पास, सीवर, पानी, सड़क सहित अन्य विकास कार्य पर करीब 686 करोड़, वेतन, कागजात, विभिन्न बिल, किराया पर 800 करोड़, सालिड वेस्ट पर 95 करोड़, बायोडायवर्सिटी पार्क पर 20 करोड़ सहित हाइड्रोलिक प्लेटफार्म सहित अन्य कार्यो पर करीब 13 सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। निगम का बजट लगातार बढ़ रहा है, लेकिन उसके बेहतर परिणाम अभी तक नजर नहीं आ रहे हैं। साथ ही बड़े प्रोजेक्ट को लेकर भी बजट में कुछ विशेष नजर नहीं आ रहा है। आज भी निगम अधिकारी सीवर, पानी, सड़क, लाइट, ड्रेनेज जैसे ही कार्य को वह प्रमुखता दे रहा है। इस बजट में गरीब लोगों को लोन देने एवं बेरोजगारों को स्वावलंबी बनाने के लिए कुछ राशि तय की गई है।

पिछले सालों के बजट पर एक नजर

वर्ष 2013-14 में निगम ने साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए का तो वर्ष 2014-15 में 996 करोड़ का बजट था। हालांकि निगम बजट के अनुसार अभी तक आय अर्जित करने में सफल नहीं हो पाया है। साथ ही विकास कार्य पर भी तय आंकड़ा के अनुसार खर्च करने में सफल नहीं रहा है।

इन पर ध्यान नहीं

लाल डोरे के बाहर एवं अनधिकृत कालोनी में विकास कार्य पर कितना पैसा खर्च होगा इसको लेकर स्थिति साफ नहीं है। जबकि यह साफ है कि जब सदन में बजट पर चर्चा होगी तो पार्षद इन दोनों मामलों को प्रमुखता से उठाएंगे।

''इस बार भी पार्षदों को यह मौका नहीं मिला। सदन में जब बजट रखा जाएगा उस समय इसको लेकर अधिकारियों से जवाब मांगे जाएंगे।''

-विमल यादव, मेयर।

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