झपटमारी की बीमारी से पुलिस हारी

सत्येंद्र सिंह, गुडगांव : कुख्यात अपराधियों को हवालात दिखाने वाली गुड़गांव पुलिस की हालत झपटमारों

By Edited By: Publish:Wed, 25 Mar 2015 06:25 PM (IST) Updated:Wed, 25 Mar 2015 06:25 PM (IST)
झपटमारी की बीमारी से पुलिस हारी

सत्येंद्र सिंह, गुडगांव : कुख्यात अपराधियों को हवालात दिखाने वाली गुड़गांव पुलिस की हालत झपटमारों ने खराब कर रखी है। बदमाशों ने महिलाओं का घर से निकलना दूभर कर रखा है। यहां तक कि सार्वजनिक स्थान पर भी महिलाओं को निशाना बना लेते हैं। रविवार को शीतला माता मंदिर दर्शन के लिए गई सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्रार रचना गुप्ता के गले से कड़ी सुरक्षा के बीच चेन छीन ली गई। महिला जज के साथ खुद की भी सिक्योरिटी थी।

लेकिन पुलिस पर भारी पड़ रहे झपटमार इतनी सफाई से वारदात को अंजाम दे रहे हैं कि सिवाय हाथ मलने के पुलिस कुछ नहीं कर पाती। झपटमारी के संभावित स्थानों को चिन्हित कर पुलिस जब पिकेट लगाकर चेकिंग बढ़ाती है, तो झपटमार इलाका ही नहीं समय तक बदलकर पुलिस को गच्चा दे जाते हैं। इस महीने अब तक झपटमारी की दस वारदातें सामने आ चुकी हैं। पुलिस की इस नाकामी ने शहर की महिलाओं के होश उड़ा रखे हैं।

घर से निकलने में डरती हैं महिलाएं

आलम यह है कि अंधेरा तो दूर दिन के उजाले में भी महिलाएं घर से निकलते हुए डरती हैं। ढाई माह में करीब 34 वारदातें झपटमारी की सामने आ चुकी हैं। झपटमारी की वारदात देखने सुनने में बेशक छोटी लगे, लेकिन शहर में इसके पीड़ित बड़ी तादात में हैं। इसकी एक वजह पुलिस अधिकारी युवाओं का तेजी से अपराध की तरफ बढ़ना भी मान रहे हैं। उनके अनुसार कम खतरे में मोटा मुनाफा कमाने की ललक में पढ़े लिखे युवा भी मोटरसाइकिल लेकर झपटमारी के लिए निकल पढ़ते हैं। पुराना कोई रिकार्ड न होने से पुलिस के लिए इनकी पहचान कर पाना मुश्किल है।

आसानी से खप जाता है माल

झपटमारी बढ़ने के पीछे झपटे गए माल का आसानी से खप जाना भी एक वजह है। हाल ही में एक बीबीए के छात्र को झपटमारी में पकड़ा गया तो खुलासा हुआ कि वह गले से झपटी सोने की चेन की एवज में सुनार आसानी से उसे पाच से दस हजार रुपये दे देते थे। इस रुपयों से वह पब में जाकर अपनी गर्लफ्रेंड और दोस्तों के साथ मस्ती करता था। हाल में अनेक ऐसे युवा झपटमारी में पकड़े गए जो इंजीनियरिंग या एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। घर से मिलने वाले जेब खर्च से मौजमस्ती पूरी न होने पर वह लोग झपटमारी करते थे।

वारदातों की बानगी

-मेफिल्ड गार्डन निवासी मोनिका सैनी के गले से बदमाशों ने सोने की चेन छीनी थी।

-सेक्टर 46 निवासी जननी लक्ष्मी ने को बनाया था शिकार

-सेक्टर 56 निवासी साहिब सिंह चेन छीनी थी

-सेक्टर 9 निवासी ललिता चुघ हो चुकी झपटमारों का शिकार

- डीएलएफ निवासी डा. उषा गुप्ता से छीना जा चुका है पर्स

-शिवाजी नगर निवासी अंजनी कुमार ने से छीना जा चुका है मोबाइल

-सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्रार रचना गुप्ता के गले से छीनी गई चेन

वर्जन :

''तीन महीने में झपटमारी करने वाले बदमाश पकड़े जा चुके हैं। भीड़ का फायदा बदमाशों को मिल जाता है। पढे़-लिखे युवा ही वारदात कर रहे हैं। ऐसा कोई गैंग नहीं जो नियोजित रूप से वारदात कर रहा है।

-नवदीप सिंह विर्क, पुलिस आयुक्त।

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