पटाखों का करेंगे त्याग, जरूरतमंदों को सहायता देकर मनाएं दीपावली

दीपावली पर्व सादगी और आपसी भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। हमारी संस्कृति में मिट्टी के दीये में घी का दीपक जलाना शुद्धता और पवित्रता का परिचायक माना जाता है। लेकिन जैसे जैसे लोगों के पास धन-दौलत बढ़ने लगी तो पटाखों का दौर भी बढ़ गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Nov 2020 08:20 AM (IST) Updated:Thu, 12 Nov 2020 08:20 AM (IST)
पटाखों का करेंगे त्याग, जरूरतमंदों को सहायता देकर मनाएं दीपावली
पटाखों का करेंगे त्याग, जरूरतमंदों को सहायता देकर मनाएं दीपावली

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

दीपावली पर्व सादगी और आपसी भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। हमारी संस्कृति में मिट्टी के दीये में घी का दीपक जलाना शुद्धता और पवित्रता का परिचायक माना जाता है। लेकिन जैसे जैसे लोगों के पास धन-दौलत बढ़ने लगी तो पटाखों का दौर भी बढ़ गया। जो विभिन्न प्रकार के प्रदूषण का कारण बन रहा है। इस बार प्रदूषण पर लगाम के लिए चहुंओर आतिशबाजी न करने को लेकर आवाज उठ रही है। प्रबुद्धजनों का मानना है आतिशबाजी से पर्यावरण प्रदूषित होता है और अनावश्यक धन खर्च होता है। इससे बेहतर है घर में घी के दीप जलाएं और किसी जरूरतमंद की सहायता कर पर्व की का सार्थकता सिद्ध करे।ं -------

जिला प्रशासन ने आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा काम किया है। इस समय जिले में प्रदूषण इतना अधिक है कि सांस लेना भी मुश्किल है। हम स्वस्थ है तो भी हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जो लोग बीमार है तो उनका तो रुरा हाल है। दीपावली का पर्व प्रकाश के रूप में त्योहार बनाया जाता है। ऐसे में हमें अपनीे घरों छतों पर दीप जलाकर भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। वहीं पटाखे बजाने से परहेज करना चाहिए। इस बार पटाखों पर जो खर्च होना था उसे हमें दूसरों की सहायता करनी चाहिए ताकि वह भी अच्छे से दीपावली का पर्व मना सके। अंगद ढिगसरा,

समाजसेवी, फतेहाबाद। ------------------------

बच्चों को समझाने की जिम्मेदारी उनके माता-पिता की होती है। अगर माता-पिता बच्चों को पटाखे लाकर देंगे तो वो बजाएंगे। इस बार प्रशासन से आतिशबाजी पर रोक लगाकर सही फैसल किया है। इसलिए प्रदूषण रहित दीपावली बनानी है। यह तभी होगा जब हमें पटाखे नहीं बजाएंगे। दीपों का त्योहार दीपावली है। ऐसे में खुशी तभी आएंगी जब घर रोशन होगा। पटाखे बजाने से कई बार नुकसान भी हो जाता है। इसलिए हमें इन सभी बातों छोड़कर प्रण लेकिन इस बार दीपावली का पर्व प्रदूषण रहित मनाएंगे। मंजू रानी

गृहिणी, एमपी सोत्र, फतेहाबाद।

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