..यहां नहीं लगता मंत्री दरबार, दो सालों से शिकायत पड़ी लंबित

जागरण संवाददाता फतेहाबाद लोकसंपर्क एवं परिवाद समिति की बैठक में शिकायतकर्ता को उम्म

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 11:54 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 06:12 AM (IST)
..यहां नहीं लगता मंत्री दरबार, दो सालों से शिकायत पड़ी लंबित
..यहां नहीं लगता मंत्री दरबार, दो सालों से शिकायत पड़ी लंबित

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

लोकसंपर्क एवं परिवाद समिति की बैठक में शिकायतकर्ता को उम्मीद होती है कि उसे न्याय मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। वजह है कि इसके बैठक ही नियमित तौर पर आयोजित नहीं होती। इस वर्ष में तो सिर्फ एक बार ही बैठक आयोजित हुई थी। अब इसके लिए मंत्री फिर से चेयरमैन बना दिए है। परंतु बैठक कब आयोजित होगी। इसके बारे में अभी तय नहीं है। इससे पहले गत 15 जुलाई को को बैठक आयोजित हुई थी। जिसमें 20 शिकायतें सुनी गई थी। जिसमें 12 शिकायत लंबित रखी गई थी। जो अभी तक लंबित हैं।

भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में कृष्ण बेदी तीन साल तक इस समिति के चेयरमैन रहे थे। अब नई बनी भाजपा सरकार में फतेहाबाद का इस समिति का अध्यक्ष बिजली मंत्री रणजीत सिंह को बनाया है।

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ये मुद्दे हैं लंबित :

जिसमें गांव कुकड़ावाली निवासी रमेश द्वारा अपनी पत्नी के गलत इलाज को लेकर रखी गई शिकायत पर राज्य मंत्री ने अगली बैठक में संबंधित डाक्टर को बुलाने के निर्देश दिए थे। रमेश का आरोप था कि गीता नर्सिंग होम की डाक्टर ने उनकी पत्नी को बिना उसे बताए हिसार सर्वाेदय अस्तपाल में रेफर कर दिया। जबकि उसे गीता नर्सिंग होम की डाक्टर ने खुद सिरसा रक्त लाने भेज दिया था। जिसके चलते उसकी पत्नी की बच्चादानी निकालनी पड़ी और नवजात की मौत भी हो गई। ऐसे में 5 लाख रुपये से अधिक लग गए। इसी तरह एक अन्य महत्वपूर्ण मामले में ढाणी चानन वाली निवासी गोविद ने इंडसइंड बैंक की शिकायत दी थी कि उन्होंने बैंक में जमा उसके रुपयों की एफडी करने की बजाय टाटा की बीमा पॉलिसी कर दी। वहीं किसान गांव कुम्हारियां निवासी हंसराज व अन्य किसानों द्वारा सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की फतेहाबाद शाखा द्वारा प्रीमियम वापस लौटाए जाने तथा फसल बीमा योजना का क्लेम न देने संबंधी मामले में राज्य मंत्री ने बैंक में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी की जिम्मेवारी निर्धारित करने व इस मामले को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक इसकी सुनवाई नहीं हुई। किसानों से फर्द के बदले फीस लेने तथा अन्य शिकायतों के संबंध में उन्होंने शिकायतकर्ता एडवोकेट सुशील कुमार को पूरे मामले की जांच अगली बैठक से पहले करवाने की बात कही। जो अभी तक लंबित हैं।

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