सरकार की हठधर्मिता के कारण बच्चे और बुजुर्ग तक अनशन को मजबूर

जागरण संवाददाता फतेहाबाद हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति इकाई फतेहाबाद का

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 12:06 AM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 06:19 AM (IST)
सरकार की हठधर्मिता के कारण बच्चे और बुजुर्ग तक अनशन को मजबूर
सरकार की हठधर्मिता के कारण बच्चे और बुजुर्ग तक अनशन को मजबूर

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति इकाई फतेहाबाद का क्रमिक अनशन शनिवार को 55वें दिन में भी जारी रहा। आज के क्रमिक अनशन में पीटीआई कुलदीप दहिया की अध्यक्षता में उनका पूरा परिवार जिसमें उनकी माता विमला देवी, मौसी वीरमति देवी, बहन साक्षी, उनकी धर्मपत्नी पूनम रानी एवं दो बच्चे आरव व आयुष शामिल रहे।

कुलदीप दहिया की माता विमला देवी ने बताया कि उनके परिवार का गुजारा चलाने वाला एकमात्र सहारा उनका यही रोजगार था, जो इस तानाशाही सरकार ने अपनी राजनीति की बली का बकरा बनाते हुए छीन लिया है। उन्होंने बताया कि बहुत मुश्किल हालातों में अपने बेटे को मेहनत, मजदूरी करके इस मुकाम तक पहुंचाया था लेकिन 10 साल की सर्विस करने के पश्चात सरकार ने आनन-फानन में उनके मामले की कोर्ट में पैरवी न करते हुए इनका रोजगार छीन लिया है। अब उनके परिवार का गुजारा कैसे चलेगा। रोजी-रोटी तक के लाले पड़ चुके हैं। उनके पास आमदनीका कोई भी और साधन भी नहीं है। बेटी की पढ़ाई व शादी की चिता भी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह कुलदीप के रोजगार के साथ सभी निर्दोष 1983 परिवारों के रोजगार को पुन: बहाल करें।

क्रमिक अनशन को संबोधित करते हुए रजवंत सिंह राज्य संघर्ष समिति सदस्य ने बताया कि वह 23 अगस्त को होने वाली परीक्षा का पूर्ण रूप से विरोध करते हैं। कोई भी शारीरिक शिक्षक उस परीक्षा में शामिल नहीं होगा। वे इसका एफिडेविट भी प्रशासन के माध्यम से सरकार को दे चुके हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह हठधर्मिता छोड़ कर निर्दोष पीटीआई के साथ न्याय कर उनकी नौकरी को जल्द वापस दे अन्यथा शारीरिक शिक्षक चुप बैठने वाले नहीं है। जहां भी सरकार के नुमाइंदे जाएंगे, वही उनको शारीरिक शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए बताया कि चाहे इस आंदोलन को जितना भी लंबा चलाना ,पड़े हम अपने रोजगार को हासिल करके ही छोड़ेंगे।

इस मौके पर राजपाल मिताथल, घासीराम, सतीश जिलेदार, देवीलाल, सतबीर सिंह, मदन, कृष्ण, राकेश, सिकंदर, धर्मचंद, मनदीप कौर, देव कुमारी, रतन सिंह, बंसी सहित अनेक शिक्षक मौजूद रहे।

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