भ्रूण हत्या रोकने के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर किया मंथन

जागरण संवाददाता फतेहाबाद गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिग चयन प्रतिषेध) अधिनिय

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 10:40 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 10:40 PM (IST)
भ्रूण हत्या रोकने के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर किया मंथन
भ्रूण हत्या रोकने के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर किया मंथन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिग चयन प्रतिषेध) अधिनियम की अनुपालना में जिला में चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा के लिए हुडा सेक्टर-3 स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बुधवार को जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला में प्रसव पूर्व भ्रूण लिग जांच की रोकथाम, संदिग्धों पर छापामार कार्रवाई तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को गति देने के लिए चलाए जा रहे अभियानों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। सीएमओ डा. संगीता मेहता व जिला न्यायवादी देवेंद्र कासनिया ने जिला में नए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, आइवीएफ केंद्रों का रजिस्ट्रेशन करने सहित अन्य मुद्दों को बैठक में रखा। उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या करना व करवाना पाप है। इसके अलावा यह सामाजिक बुराई के साथ-साथ कानूनी अपराध भी है। इसके लिए सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि लड़का-लड़की में कोई अंतर न समझें। लिगानुपात में सुधार के लिए मिलजुलकर कार्य करे और समय-समय पर छापामार कार्यवाही में संबंधित अधिकारी व सदस्य अपडेट रहे। सलाहकार समिति सदस्य एवं जिला न्यायवादी देवेन्द्र कासनिया ने बताया कि भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिग निर्धारण पर प्रतिबंध है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को सजा और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला जांगड़ा, डिप्टी सीएमओ डा. गिरीश, एसएमओ डा. सुनीता, एडीए अभिषेक, रामनिवास, दीपक, रवि सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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