कम्प्यूटरीकृत लेखांकन कार्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को दिए प्रमाण पत्र

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया - ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से स्थानीय पंचायत भवन में 23 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण समापन के अवसर पर संस्थान के निदेशक रमेश कुमार भाटिया व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर सुरजीत सिंह ने कंप्यूटरीकृत लेखांकन बैच कार्यक्रम के बच्चों को प्रशिक्षण पत्र देकर कार्यक्रम का समापन किया। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों को कार्यक्रम की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 08:39 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 08:39 AM (IST)
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन कार्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को दिए प्रमाण पत्र
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन कार्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को दिए प्रमाण पत्र

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया - ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से स्थानीय पंचायत भवन में 23 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण समापन के अवसर पर संस्थान के निदेशक रमेश कुमार भाटिया व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर सुरजीत सिंह ने कंप्यूटरीकृत लेखांकन बैच कार्यक्रम के बच्चों को प्रशिक्षण पत्र देकर कार्यक्रम का समापन किया। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों को कार्यक्रम की जानकारी दी।

उन्होंने कहा की ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं व युवा स्वरोजगार प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सके। फतेहाबाद में जुलाई 2009 से यहां पर बेरोजगार युवक-युवतियों को विभिन्न प्रकार के कोर्स निश्शुल्क कराए जा रहे हैं, जिनमें अभी तक 197 बैच 4660 युवक-युवतियों को विभिन्न प्रकार की ट्रेनिग दी गई है, इनमें से 1199 युवक-युवतियों को बैंक लोन दिया गया, जबकि 1938 युवक-युवतियों ने रोजगार शुरू किया है। प्रशिक्षण के दौरान यहां पर युवक-युवतियों को खाने की सुविधा भी दी जा रही है। कोर्स के दो वर्ष उपरांत तक स्वरोजगार शुरू करने के लिए संस्थान से युवाओं को निश्शुल्क मार्गदर्शन व जरूरत पड़ने पर बैंक की ओर से कार्य के मुताबिक लोन उपलब्ध कराया जाता है।

जिले में रोजगार के बहुत कम साधन है जिसमें गावों में बेरोजगारी को दूर करने में संस्थान का यह कदम और युवक-युवतियों की कार्य कुशलता बढ़ाने का एकमात्र उपाय प्रशिक्षण देना है। संस्थान का उद्देश्य युवक-युवतियों को स्वयं का रोजगार शुरु करवा कर आत्मनिर्भर बनाना है, यानी वे रोजगार लेने वाले नहीं बल्कि दूसरों को रोजगार देने वाले बने।

उन्होंने बताया कि उपायुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ के दिशा निर्देशानुसार इस संस्थान द्वारा डेरी और वर्मी कम्पोस्ट, सेल फोन मरम्मत व सर्विस, मोमबत्ती बनाना, कंप्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर, फोटोग्राफी, वेल्डिग, भवन चरित्रकारी, पापड़, आचार मसाला बनाना, पेपर कवर, लिफाफा व फाइल मेकिग, व सेनेटरी कार्य सहित अन्य कोर्स कराये जाते हैं। संस्थान द्वारा यहां पर निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें युवक-युवतियां काफी संख्या में भाग ले रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवक-युवतियों को आर्थिक तौर पर लाभ मिल रहा है, वहीं कोर्स उपरांत भी उनका मार्गदर्शन किया जा रहा है। सभी कोर्स के लिए युवाओं को गांवों में जाकर बताया जा रहा है।

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