29 वाहनों से पेट्रोल-डीजल के भरे नमूने

जिले के पंपों पर बिक रहे पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता कैसी है इस बारे में जल्द पता लगेगा। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से अलग-अलग 29 वाहनों से पेट्रोल व डीजल के नमूने भरकर उत्तर प्रदेश की लैब में जांच के लिए भेज दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 06:46 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:18 AM (IST)
29 वाहनों से पेट्रोल-डीजल के भरे नमूने
29 वाहनों से पेट्रोल-डीजल के भरे नमूने

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिले के पंपों पर बिक रहे पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता कैसी है, इस बारे में जल्द पता लगेगा। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से अलग-अलग 29 वाहनों से पेट्रोल व डीजल के नमूने भरकर उत्तर प्रदेश की लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट एक महीने में आएगी।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एमसी मेहता बनाम सरकार से संबंधित पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता का एक मामला विचाराधीन है। इसी मामले में सरकार की ओर से इस तरह की चेकिग के आदेश आए हैं। इस समय जिले में 80 पंप हैं और करीब 8 लाख से अधिक वाहन हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग लेता है नमूने

वैसे पेट्रोल एवं डीजल के नमूने लेकर चेक कराने की जिम्मेदारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की है। समय-समय पर नमूने लिए भी जाते हैं। इन्हें लैब में चेक कराया जाता है। विभाग के रिकॉर्ड को देखे तो अभी तक एक भी नमूना फेल नहीं हुआ है। मतलब पेट्रोल व डीजल की गुणवत्ता एकदम ठीक है। अहम है इस तरह की जांच

वाहनों में उचित गुणवत्ता का पेट्रोल-डीजल डाला जाना बहुत जरूरी है। क्योंकि इससे न केवल वाहनों के इंजन की लाइफ बढ़ती है बल्कि वायु प्रदूषण पर भी इसका सीधा असर पड़ता है। इसलिए इस तरह की जांच गंभीरता से होना अत्यंत जरूरी है। यही कारण है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। शहर से लेकर गांव तक अलग-अलग सड़कों पर चल रहे 29 वाहनों से पेट्रोल व डीजल के नमूने लिए गए हैं। इनकी जांच उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर स्थित सरकारी प्रयोगशाला से कराई जाएगी। इसकी रिपोर्ट चंडीगढ़ भेजी जाएगी।

-राजकुमार राणा, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी। जिलेभर के पंपों से अक्सर पेट्रोल व डीजल के नमूने लेते रहते हैं। इनकी जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाती है। रिकॉर्ड के अनुसार अभी तक एक भी नमूना फेल नहीं हुआ है।

-केके गोयल, खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक। वैसे तेल कंपनियां अपने स्तर पर पेट्रोल व डीजल के नमूनों की जांच कराती रहती हैं। इसके बावजूद अन्य एजेंसियों के माध्यम से जांच कराने में कोई दिक्कत नहीं है। ऐसा करने से ग्राहकों का विश्वास और बढ़ता है। यह जरूरी भी है, इससे तेल कंपनियां सतर्क रहेंगी।

-मनमोहन गुप्ता, महासचिव, पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन।

chat bot
आपका साथी