फरीदाबाद : औद्योगिक नगरी में नहीं थम रहा प्रदूषण का स्तर, 400 के करीब पहुंचा पीएम-2.5
सर्दियों के मौसम में अक्सर देखा गया है कि हवा की गति थम जाती है। जिसकी वजह से धूल-कण ऊपर जाने की बजाए कम ऊंचाई पर ही जमा हो जाते हैं। जिसका सीधा असर प्रदूषण के स्तर पर पड़ता है।
फरीदाबाद, जेएनएन। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के बावजूद सरकारी महकमे के अधिकारियों लापरवाही से प्रदूषण के बढ़ते स्तर को काबू नहीं किया जा रहा है। दिनों-दिन यह स्तर बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण के स्तर पीएम 2.5 की मात्रा अब धीरे-धीरे 400 के करीब पहुंच रही है। शुक्रवार को यह मात्रा सेक्टर-11 क्षेत्र में 366 सबसे अधिक रही। इसके बाद सेक्टर-30 में 358, एनआइटी में 348, बल्लभगढ़ में 332 और सेक्टर-16 में 329 थी। जबकि कई बार प्रदूषण का अधिकतम स्तर 450 को भी पार कर गया। जिले का औसत स्तर दोपहर 12 बजे तक 354 था।
हवा की गति थमी
सर्दियों के मौसम में अक्सर हवा की गति थम जाती है। जिसकी वजह से धूल-कण ऊपर जाने की बजाए कम ऊंचाई पर ही जमा हो जाते हैं। जिसका सीधा असर प्रदूषण के स्तर पर पड़ता है। यदि हवा तेज चल जाए या बारिश हो जाए तो यह धूल कण जमीन पर गिर जाएंगे और स्तर सामान्य हो जाएगा। वायुमंडल में धूल का गुबार होने की वजह से ही सूर्य देवता कम दिखाई दे रहे हैं और हर समय धुंध सी छाई रहती है।
अभी नहीं बना कंट्रोल रूम
ग्रेप को लागू हुए सप्ताहभर से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक प्रशासन ने कंट्रोल रूम नहीं बनाया है। ग्रेप लागू होते ही प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। यदि कहीं कूड़ा जलाया जा रहा है या अन्य नियमों की अवहेलना की जा रही है तो इसकी सूचना आमजन कंट्रोल रूम में दे सकते हैं। पिछले साल भी कंट्रोल रूम बनाया था लेकिन इस बार अभी तक इसका कुछ अता-पता नहीं है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी स्मिता कनोडिया ने कहा कि अब रात को पेट्रोलिंग की जा रही है। इसके लिए दो टीमें बना दी हैं जो औद्याेगिक इकाईयों का निरीक्षण करती हैं। कहीं अवैध ईंधन का प्रयोग न हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। दूसरी टीम कूड़ा जलाने के मामलों पर नजर रख रही है।बाकी कई विभागों को पत्र लिखकर सहयोग मांगा जा रहा है।
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