आप की सक्रियता से भाजपा में खलबली

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नगर निगम चुनाव में हिस्सा लेने के लिए आम आदमी पार्टी की सक्रियता ने भ

By Edited By: Publish:Fri, 27 Mar 2015 08:32 PM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2015 08:32 PM (IST)
आप की सक्रियता से भाजपा में खलबली

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :

नगर निगम चुनाव में हिस्सा लेने के लिए आम आदमी पार्टी की सक्रियता ने भारतीय जनता पार्टी के नीति- निर्धारकों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। भाजपा खेमे में इस बात को लेकर खलबली है कि यदि आम आदमी पार्टी नगर निगम का चुनाव लड़ती है तो फिर पार्टी प्रत्याशियों को सशक्त प्रतिद्वंद्वी मिलेंगे। दिल्ली चुनाव के बाद से आम आदमी पार्टी के प्रति कम से कम फरीदाबाद, गुड़गांव जैसे बड़े शहरों में तो इस पार्टी के प्रति युवाओं में खासा उत्साह है।

भाजपा के नेता वैसे तो अकेले दम पर नगर निगम चुनाव में अपनी जीत का डंका बजाना चाहते हैं मगर यह आम आदमी पार्टी की मौजूदगी से आसान नहीं रहेगा।

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-आप की मौजूदगी चाहते हैं भाजपा के संभावित टिकटार्थी।

भाजपा के संभावित टिकटार्थियों से लेकर शहर का बुद्धिजीवी वर्ग तक नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की सक्रियता चाहते हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि आम आदमी पार्टी ने निगम चुनाव में हिस्सा लिया तो निश्चित तौर पर पार्टी नेता सशक्त कार्यकर्ताओं को ही टिकट देंगे। अन्यथा टिकट वितरण में नेताओं की मनमानी भी चल सकती है।

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कृष्णपाल पुत्र को बनाना चाहते हैं पार्षद

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने पुत्र देवेंद्र चौधरी की राजनीति अब नगर निगम चुनाव से शुरू करवाना चाहते हैं। विधानसभा चुनाव में गुर्जर अपने पुत्र देवेंद्र के लिए टिकट मांग रहे थे मगर राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ बनी नीति के कारण देवेंद्र को टिकट नहीं मिली थी। सूत्रों की मानें तो गुर्जर अपने पुत्र देवेंद्र को अब पार्षद बनवाना चाहते हैं। इसके लिए गुर्जर खेमे ने अंदरूनी तैयारी शुरू कर दी है। गुर्जर के नजदीकी सूत्रों की मानें तो वे अपने पुत्र को अपनी ही तरह राजनीति के शुरुआती पायदान पर खड़ा करना चाहते हैं ताकि पांच साल बाद जब विधानसभा चुनाव हों तब देवेंद्र के पास एक कुशल पार्षद का अनुभव भी हो। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि राजनीति के पहले पायदान पर कदम रखने के लिए पार्टी की नीति भी आड़े नहीं आएगी। हालांकि खुद कृष्णपाल गुर्जर कहते हैं कि वे देवेंद्र को राजनीति में प्रोत्साहित नहीं करते। यदि देवेंद्र स्वयं अपने बूते जनता की सेवा करना चाहता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता।

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