नांगल के ग्रामीण तरस रहे बूंद-बूंद को

संवाद सहयोगीबहल सरकार बेशक टेल तक पानी पहुंचाने का दावा करती हो लेकिन नांगल ग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Jun 2019 08:56 PM (IST) Updated:Wed, 12 Jun 2019 08:56 PM (IST)
नांगल के ग्रामीण तरस रहे बूंद-बूंद को
नांगल के ग्रामीण तरस रहे बूंद-बूंद को

संवाद सहयोगी,बहल : सरकार बेशक टेल तक पानी पहुंचाने का दावा करती हो, लेकिन नांगल गांव के ग्रामीण पीने के पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। गांव में पीने के पानी की आपूíत के लिए रोजाना सात टैंकर पानी की सप्लाई किए जा रहे हैं। लेकिन सात टैंकर भी इस भीषण गर्मी में लोगों की प्यास बुझाने में पर्याप्त नहीं हैं। लोग तो जैसे तैसे टैंकर की आपूíत से अपने आप को बचाए हुए हैं लेकिन पशु-पक्षी पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। पानी के टैंकर की सप्लाई में विभाग के तीन और बाकी चार की व्यवस्था ग्रामीण स्वयं कर रहे हैं। रिकॉर्डतोड़ गर्मी के मौसम में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है और सरकार व प्रशासन उंट के मुंह में जीरे वाली कहावत चरितार्थ कर रहा है। 3000 की आबादी और 350 घरों के गांव में विभाग के तीन पानी के टैंकर लोगों की प्यास बुझाने में कामयाब नहीं हैं। गांव में बने सरकारी बोरिग व ट्यूबवेल काम नहीं कर रहे हैं और नहर द्वारा पानी की सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं है। जलस्तर में भारी गिरावट

नांगल गांव राजस्थान की सीमा से सटा गांव है और यहां का जलस्तर करीब 500 फीट तक गहरा चुका है और ज्यादा नीचे जाने से मिलने वाला पानी पीने योज्य नहीं है। खेतों में बने हुए ट्यूबवेलों में भी पानी खत्म हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले तीन से चार साल में यहां पर पानी खत्म हो जाएगा और लोग प्यास के कारण पलायन तक करना पड़ जाए तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसे चल रही व्यवस्था

तीन टैंकर पानी विभाग तो बाकी चार टैंकर की व्यवस्था ग्रामीणों की। पानी के टैंकर के लिए विभाग 2 हजार रुपए प्रति दिन 3 टैंकर पानी सप्लाई का किराया दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जल विभाग गांव में पीने के पानी के तीन टैंकर की सप्लाई कर रहा है जो कि अपर्याप्त है। इससे ग्रामीणों की दैनिक जरूरतें और पशुओं को पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए ग्रामीण अपने खर्चे पर चार टैंकर पानी की सप्लाई करवा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार और प्रशासन गर्मी के मौसम में भी उनकी सुध नहीं ले रहा है।

गांव के नजदीक बोरिग से फ्री में भरा जा रहा है टैंकर गांव के पास खेतों के बोरिग से पानी के टैंकरों की सप्लाई हो रही है और बोरिग मालिकों ने विभाग व ग्रामीणों से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया है जो कि सराहनीय कार्य है। ग्रामीणों ने एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना दिखाते हुए पानी की समस्या से निपटने का प्रयास किया है। विभाग को कराया अवगत, स्थायी समाधान नहीं

इस संबंध में सरपंच प्रतिनिधि धर्मबीर सिंह ने बताया कि गांव में पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है और उन्होंने विभाग को अनेक बार इस समस्या के बारे में अवगत कराया है। लेकिन पानी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत बोरबेल तो बनवा सकती लेकिन संचालन व्यवस्था संभव नहीं है। जनस्वास्थ्य विभाग को अविलंब पानी की सुचारू प्रबंधन करना चाहिए जिसमें पंचायत पूरा सहयोग करेगी। बोरिंग खराब, एस्टीमेट बनाकर भेजा विभाग के जेई मंजीत ने बताया कि गांव का बोरिग खराब है और नए बोरिग बनाने के लिए उन्होंने विभाग को एस्टीमेट बनाकर भेजा हुआ है। जैसे ही एस्टीमेट मंजूर हो जाता है वे नए बोरिग करवाकर गांव के पानी की सप्लाई व्यवस्था को दुरूस्त कर देंगे और फिलहाल पानी के टैंकर द्वारा सप्लाई करके वैकल्पिक व्यवस्था की हुई है। पानी नहीं मिलना व्यवस्था की पोल खुलना

विधायक ओमप्रकाश बड़वा से बात की गई तो उन्होंने कहा की नांगल गांव के लोग भी भिवानी व हरियाणा का हिस्सा हैं। उनको पीने का पानी नसीब नहीं होना सरकारी व्यवस्था की पोल खोल रहा है। सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश के 360 नहर टेल पर पानी पहुंचाया है और अपने आप को भागीरथ साबित करने पर तुली हुई है जबकि नांगल के ग्रामीण टैंकर के पीछे-पीछे पानी के लिए दौड़ रहे हैं।

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