जीने की कला सिखाती है गीता : रामबिलास शर्मा

जागरण संवाददाता, भिवानी : प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा है कि गीता हमें जीवन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 May 2018 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 09 May 2018 06:53 PM (IST)
जीने की कला सिखाती है गीता : रामबिलास शर्मा
जीने की कला सिखाती है गीता : रामबिलास शर्मा

जागरण संवाददाता, भिवानी : प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा है कि गीता हमें जीवन को नए सिरे से जीने की कला सिखाती है। प्रत्येक भारतवासी के लिए भगवत गीता एक अनमोल ग्रंथ एवं पथ-प्रदर्शक है। हमारी प्राचीन और मौलिक परंपराएं सदैव अनुकरणीय तथा स्मरणीय रहेंगी। हमें इनका पालन अवश्य करना चाहिए। गोस्वामी चंद्रगिरी कन्या विद्यालय में तीन दिवसीय गीता सत्संग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने ये शब्द कहे। श्री कृष्ण कृपा समिति के संचालक व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सान्निध्य में चल रहे इस कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि पाश्चात्य देश भी यह मान चुके हैं कि भारतीय जीवनशैली और परंपराएं जितनी समृद्ध व वैभवशाली हैं, उतनी पवित्रता कहीं नहीं है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कोपेनहेगन में 136 देशों के पर्यावरणविद एवं विचारक एकत्रित हुए थे कि पृथ्वी को प्रदूषण से कैसे बचाया जाए। अंत में निष्कर्ष यही निकला कि गाय का पालन अधिक से अधिक हो और पीपल, तुलसी के पौधे लगाए जाएं। शर्मा ने कहा कि ब्राजील की आबादी बीस करोड़ है और उस देश में भारतीय नस्लों की 17 करोड़ गाय हैं। उन्होंने नस्ल सुधार कर इतनी क्षमता हासिल कर ली है कि वहां की एक गाय औसतन 45 लीटर दूध देती है। आज विश्व के अनेक देश भारत की नकल कर आयुर्वेद, यज्ञ, योग, गाय, वेद और गीता को अपना रहे हैं। इसका मूल कारण यही है कि हमारे ऋषि मुनियों ने जो शोध व अनुसंधान किए, उन तक आज के वैज्ञानिक पहुंच भी नहीं पाए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि संत भारत की जागीर है और ये देश के सच्चे मालिक हैं। संतों के बिना हमारा देश कतई सूना है। इस अवसर पर विधायक घनश्याम दास सर्राफ, नगराधीश महेश कुमार, शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन जगबीर ¨सह, जिलाध्यक्ष नंदराम धानिया, बबीता तंवर, महंत चरण दास, ठाकुर विक्रम ¨सह, राजेश शर्मा, अश्वनी बतरा, रितिक वधवा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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