शहर की अवैध कालोनियों की फाइल रिजेक्ट, विकास को तरसे लोग

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी नगर के बाहरी क्षेत्र में पड़ने वाले वार्डो में अनअप्रूवड

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 09:07 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jan 2019 09:07 PM (IST)
शहर की अवैध कालोनियों की फाइल रिजेक्ट, विकास को तरसे लोग
शहर की अवैध कालोनियों की फाइल रिजेक्ट, विकास को तरसे लोग

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी नगर के बाहरी क्षेत्र में पड़ने वाले वार्डो में अनअप्रूवड क्षेत्र को अप्रूवड का दर्जा न मिलने से यहां रहने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दादरी नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2015 में किए गए सर्वे के आधार पर अनअप्रूवड क्षेत्र को अप्रूव करने के लिए उच्च अधिकारियों के पास रिपोर्ट भी भेजी गई थी। लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा उस रिपोर्ट को रिजेक्ट कर दिया गया। रिजेक्ट होने के बाद अनअप्रूवड गलियों में सड़क निर्माण के अलावा अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। जिससे इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को काफी दिक्कतें आ रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षो से आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। आबादी बढ़ने से रिहायशी क्षेत्र में भी विस्तार हो रहा है। देखने में आ रहा है कि पिछले कुछ समय से यहां पर काफी संख्या में नई कालोनियां बस गई है। लेकिन नगर परिषद का दायरा न बढ़ने से काफी क्षेत्र अनअप्रूवड की श्रेणी में आता है। दादरी नगर के लोहारू चौक के आसपास आदर्श नगर कालोनी, पूर्ण नगर के अलावा हरि नगर, विवेक नगर, गांधी नगर, प्रेम नगर, गामड़ी, रामनारायण विहार, प्रोफेसर कालोनी इत्यादि ऐसी कालोनी है जिनमें काफी बड़ा क्षेत्र अनअप्रूवड है। इस अनअप्रूवड क्षेत्र में काफी संख्या में लोग मकान बनाकर रहने लगे है। वार्डो के पार्षदों द्वारा प्रयास कर कुछ क्षेत्र में पेयजल, सीवरेज के अलावा बिजली सप्लाई की लाइनें तक बिछवा दी गई। लेकिन अप्रूवड की श्रेणी में न होने के कारण इनमें सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

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2015 में हुआ था सर्वे

दादरी नगर परिषद के बि¨ल्डग इंस्पेक्टर मुकेश दलाल ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर वर्ष 2015 में अनअप्रूवड क्षेत्र का सर्वे करवाकर रिपोर्ट भेजी गई थी। इस रिपोर्ट में गांधी नगर एक्सटेंशन, विवेक नगर एक्सटेंशन व आदर्श नगर एक्सटेंशन को अप्रूवड श्रेणी में लाने के लिए रिपोर्ट भेजी गई थी। लेकिन बाद में इस रिपोर्ट को अस्वीकृत कर दिया गया था।

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वार्ड 3 में 100 गलियां अनअप्रूवड

नगर परिषद वार्ड तीन के पार्षद आनंद महराणा ने बताया कि उनके वार्ड में लगभग 100 गलियां अनअप्रूवड है। उन्होंने बताया कि इन गलियों को अप्रूवड की श्रेणी में लाने के लिए दो बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है। लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इन गलियों में पेयजल, सीवरेज व बिजली आपूर्ति की लाइनें बिछ चुकी है। अनअप्रूवड होने के कारण सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

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वार्ड 1, 3 में भी है अनअप्रूवड क्षेत्र

वार्ड एक के पार्षद प्रतिनिधि जय¨सह लांबा ने बताया कि उनके वार्ड में भी ऐसा क्षेत्र है जो अनअप्रूवड है। जिससे यहां भी सड़क व अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वार्ड 13 के पार्षद प्रतिनिधि सुभाष स्वामी ने बताया कि उनके वार्ड में पड़ने वाले रामबाग से आगे महेंद्रगढ़ बाईपास तक का क्षेत्र भी अनअप्रूवड की श्रेणी में आता है।

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वार्ड 18 में एक दर्जन गलियां अनअप्रूवड

वार्ड 18 के पार्षद कुलदीप गांधी ने बताया कि उनके वार्ड में करीब एक दर्जन अनअप्रूवड गलियां है। उन्होंने बताया कि इन गलियों में सैंकड़ों की संख्या में लोग रहते है। लेकिन गलियों में सीवरेज, पेयजल लाइन व सड़क न होने के कारण इन लोगों को काफी परेशानियां होती है।

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पास कर चुके प्रस्ताव : चेयरमैन

दादरी नगर परिषद के चेयरमैन संजय छपारिया ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों ने वर्ष 2015 में रिपोर्ट मंगवाई थी। उस समय रिपोर्ट भी भिजवाई गई थी। उन्होंने बताया कि उसके बाद भी कई बार इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से मांग की जा चुकी है। लेकिन अभी तक अधिकारियों द्वारा दोबारा से रिपोर्ट नहीं मंगवाई गई है। छपारिया ने कहा कि नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले विभिन्न वार्डो की अनअप्रूवड गलियों को अप्रूवड की श्रेणी में लाने के लिए हाऊस की बैठक में कई बार प्रस्ताव पास किया जा चुका है।

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