किसान और मजदूर मिलकर 15 मार्च को मनाएंगे निजीकरण विरोधी दिवस

केंद्र सरकार की निजीकरण नीतियों के विरोध किसान और मजदू

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Mar 2021 08:02 AM (IST) Updated:Thu, 11 Mar 2021 08:02 AM (IST)
किसान और मजदूर मिलकर 15 मार्च को मनाएंगे निजीकरण विरोधी दिवस
किसान और मजदूर मिलकर 15 मार्च को मनाएंगे निजीकरण विरोधी दिवस

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : केंद्र सरकार की निजीकरण नीतियों के विरोध किसान और मजदूर मिलकर 15 मार्च को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे। यह घोषणा सर्वजातीय फौगाट खाप उन्नीस के प्रधान बलवंत नंबरदार ने कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए की।

उन्होंने कहा कि 15 मार्च को सुबह 10 बजे भिवानी और दादरी के रेलवे स्टेशनों पर किसान और मजदूर इकट्ठे होंगे। इसमें इलाके की खाप, किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी संगठनों के सदस्य भाग लेंगे। इस दौरान प्रदर्शन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक संपत्तियों को कॉरपोरेट सेक्टर के हवाले कर रही है। चाहे बस हों या रेल, हवाई अड्डे हों या बंदरगाह, अस्पताल हों या स्कूल सरकार हर क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। यही हाल सरकार ने खेती का कर दिया है। तीनों काले कानून बड़े पूंजीपतियों को सीधा फायदा पहुंचाने के लिए बने हैं। इससे किसान तो मरेगा ही मजदूर भी पिटेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली ध्वस्त होने से गरीबों को मिलने वाला सस्ता अनाज बंद हो जाएगा। यही वजह है कि आंदोलन में किसानों के साथ मजदूर आ डटे हैं। 76वें दिन भी फ्री रहा कितलाना टोल

कितलाना टोल पर धरने के 76वें दिन के धरने की अध्यक्षता सांगवान खाप चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, सर्वजातीय श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप उन्नीस के प्रधान बलवंत नंबरदार, गंगाराम श्योराण, सुभाष यादव, राजेश झोझू, दिलबाग ग्रेवाल, रतन सिंह जिदल, राजसिंह धनाना ने संयुक्त रूप से की। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जाकर जनता को भाजपा की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों से अवगत कराते हुए उन्हें सबक सिखाने की अपील करेंगे। ये भी रहे मौजूद

धरने पर नरेंद्र, सुरेंद्र और बिजेंद्र ने किसानों और देशभक्ति की रागिनियां सुनाई। मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर राकेश आर्य, अजीत सिंह सांगवान, बलबीर बजाड़, राजू मान, कमल प्रधान, कामरेड ओमप्रकाश, पूर्व सरपंच नरेंद्र फतेहगढ़, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, बीरमति डोहकी, सत्यवान बलियाली, सूबेदार सत्यवीर, जगदीश हुई, मांगेराम मंदोला इत्यादि मौजूद रहे।

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