ग्रामीण एवं सामाजिक विकास के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं: प्रो.आरके मित्तल

जागरण संवाददाता भिवानी किसी राष्ट्र के निर्माण में ग्रामीण विकास का महत्वपूर्ण योगदान है। ग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Sep 2019 01:11 AM (IST) Updated:Thu, 05 Sep 2019 01:11 AM (IST)
ग्रामीण एवं सामाजिक विकास के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं:  प्रो.आरके मित्तल
ग्रामीण एवं सामाजिक विकास के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं: प्रो.आरके मित्तल

जागरण संवाददाता, भिवानी: किसी राष्ट्र के निर्माण में ग्रामीण विकास का महत्वपूर्ण योगदान है। ग्रामीण एवं सामाजिक विकास के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। ये विचार सीबीएलयू कुलपति प्रो.आरके मित्तल ने युवा कल्याण विभाग एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के संयुक्त सौजन्य से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि हमें संसाधनों का संरक्षण करना चाहिए। हमें संसाधनों का उपयोग जरूरत के मुताबिक करना चाहिए।उन्होंने कहा कि युवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों एवं स्वयं सहायता समूहों के द्वारा स्वरोजगार अपनाकर नये रोजगार सृजित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की सोच समानता एवं राम राज की स्थापना के साथ शांति और ग्रामीण एवं सामाजिक विकास की थी। युवाओं को गांधीवादी सोच विकसित कर उसका अनुशरण करना चाहिए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा.जितेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा के साथ सामाजिक एवं ग्रामीण विकास के कार्यों में अपनी पूर्ण सहभागिता करनी चाहिए। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के राज्य समन्वयक डा.शत्रुघन भारद्वाज ने बतौर मुख्यवक्ता कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि नई तालिम का उद्देश्य शिक्षा के साथ साथ नैतिकता, अध्यात्मिकता, प्राकृतिक जीवन, मेहनत के प्रति सम्मान, उत्पादन क्षमता एवं सामंजस्य को बढ़ावा देना है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से महात्मा गांधी ग्रामीण शिक्षा परिषद की ओर से यह प्रयास है कि शिक्षक, विद्यार्थी और शैक्षिक प्रक्रिया में मानवीय मूल्यों एवं नैतिक मूल्यों का समावेश हो। युवा कल्याण विभाग के सचिव एवं कार्यशाला के आयोजन सचिव डा.सतबीर सिंह ने सभी मुख्यातिथियों एवं सहभागियों का धन्यवाद किया।

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