मेहड़ा में अज्ञात बीमारी का कहर, दो माह में मरे 110 मवेशी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : अज्ञात बीमारी से हो रही पशुओं की मौत के मामले में गांव म

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 10:22 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 10:22 PM (IST)
मेहड़ा में अज्ञात बीमारी का कहर, दो माह में मरे 110 मवेशी
मेहड़ा में अज्ञात बीमारी का कहर, दो माह में मरे 110 मवेशी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

अज्ञात बीमारी से हो रही पशुओं की मौत के मामले में गांव मेहड़ा के दर्जनों ग्रामीणों सोमवार को जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की टीम का गठन कर उनके पशुओं में फैली बीमारी का उपचार करवाने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि करीब दो माह में 110 पशुओं की मौत हो चुकी हैं। लाखों रुपये की भैंसें अकाल मौत का ग्रास बन रही है। हालांकि बीमारी फैलने की शिकायत मिलने पर गांव में चिकित्सकों की टीम पहुंची थी। कई दिन तक इस बीमारी की जांच बारे भी कदम उठाया गया लेकिन असल कारणों का अभी तक पता नहीं लगने से पशुओं की मौत का सिलसिला जारी है। इन हालातों में पशुपालकों को काफी नुकसान हो रहा है और वे बेहद ¨चतित हैं। कई ग्रामीणों का तो पशुपालन ही आजीविका का साधन हैं। भैंस इत्यादि पशुओं की मौत होने से उनके सामने बड़ी विकट परिस्थिति खड़ी हो गई है। उपायुक्त ने ग्रामीणों को भरोसा दिया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और पशुओं का तत्परता से सही उपचार करवाया जाएगा।

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हालातों पर ¨चता जताई पशुपालकों ने

उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने पहुंचे गांव मेहड़ा के ग्रामीण रमेश, विनोद, धर्मबीर, रण¨सह, रोहताश, होशियार ¨सह, महावीर, राजपाल, आनंद, सुरेंद्र कुमार ने बताया कि गांव में अज्ञात बीमारी से मरे पशुओं में 75 प्रतिशत संख्या दुधारू पशुओं की है। गांव में जितने भी गाय, भैंस इत्यादि पालतू, दुधारू पशु हैं सब बीमारी की चपेट में हैं। इन हालातों में पशुपालक काफी ¨चतित हैं। पशुओं का सही उपचार नहीं मिल पा रहा। हालांकि पशुपालक भी अपने स्तर पर पशुओं को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन अज्ञात बीमारी पशुओं को अपनी चपेट में ले रही हैं।

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पशुपालकों को प्रशासन दे मुआवजा

ग्रामीणों ने कहा कि अब तक 110 पशुओं की मौत हो चुकी है। जिससे पशुपालकों को काफी नुकसान हुआ है। पशुपालकों के नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रशासन की ओर से हर संभव आर्थिक सहयोग के रूप में मुआवजा जल्द दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी आजीविका चला सकें।

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टीम गठित करने की मांग

ग्रामीणों ने उपायुक्त से अपील की कि गांव में वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की टीम का गठन कर भेजा जाएगा ताकि पशुओं को समय पर सही उपचार मिल सके। कई पशुओं की मौत उपचार नहीं मिलने से हुई है। गंभीरता से कदम उठाते हुए गांव में विशेष रूप से चिकित्सकों के दल नियुक्त हो ताकि अज्ञात बीमारी का पता लगाकर पशुओं का उपचार हो और समस्या का स्थायी समाधान हो सके।

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बुखार आने के बाद हो जाती है पशु की मौत

गौरतलब है कि पिछले करीब दो माह से गांव मेहड़ा में अज्ञात बीमारी से पशुओं की मौत हो रही है। पशुपालकों व चिकित्सकों की लाख कोशिशों के बावजूद भी बीमारी के कारणों का पता नहीं चल पा रहा। अब तक 110 पशुओं की मौत हो चुकी हैं। गांव के दुधारू पशुओं में आई अज्ञात बीमारी ने पशुपालकों का चैन छीन लिया है। ग्रामीणों के मुताबिक दो दिन बुखार आने के बाद पशुओं की मौत हो जाती है। हालांकि पशुपालन विभाग की टीम ने कमान संभालते हुए उपचार शुरू किया है लेकिन बीमारी पकड़ में नहीं आ रही और पशुओं के मरने का सिलसिला जारी है।

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हो रहा लाखों का नुकसान

पिछले तीन चार सालों में मवेशियों के दामों में काफी उछाल आया है। चरखी दादरी, नारनौल, भिवानी व महेंद्रगढ़ में मुर्राह नस्ल की भैंसें चार से पांच लाख रुपये तक बिक चुकी हैं। वहीं अन्य नस्लों की भैंसों के भी दाम कम से कम 70 से 90 हजार रुपये आंके जा रहे हैं। ऐसे में यदि एक भैंस की मौत होती है तो पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान होता है। इसी कारण पशु पालक इस अज्ञात बीमारी को लेकर ज्यादा ¨चतित हैं।

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कदम उठा रहा है विभाग : डा. ईश्वर

पशुपालन विभाग के उपमंडल अधिकारी डा. ईश्वर ¨सह का कहना है कि पशुओं में फैली इस अज्ञात बीमारी से बचाव के लिए विभाग कार्रवाई कर रहा है। मृत पशुओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं नि:शुल्क टीकाकरण भी किया जा रहा है।

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