बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कारगर साबित हो रही है सुकन्या समृद्धि योजना: हितेंद्र

- 10 वर्ष तक की बेटी का किसी भी डाकघर या बैंक में खुलवा सकते हैं खाता

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 06:30 AM (IST)
बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कारगर साबित हो रही है सुकन्या समृद्धि योजना: हितेंद्र
बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कारगर साबित हो रही है सुकन्या समृद्धि योजना: हितेंद्र

- 10 वर्ष तक की बेटी का किसी भी डाकघर या बैंक में खुलवा सकते हैं खाता फोटो-9: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

एसडीएम हितेंद्र कुमार ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना कारगर सिद्ध हो रही है। इस योजना अंतर्गत मिलने वाली धनराशि बेटी की उच्च शिक्षा के लिए तथा उसके विवाह के समय सहायक सिद्ध होगी। आमजन को इस योजना का लाभ डाकघरों व बैंकों के माध्यम से दिया जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत कोई भी माता-पिता अपनी बेटी के नाम पर किसी भी डाकघर या बैंक में खाता खुलवा सकता है। अधिकतम दो बच्चियों के नाम पर खाता खुलवाया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत दस साल तक की आयु की लड़की के नाम पर खाता खुलवाया जा सकता है। इस स्कीम में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है। अगर बेटी की उम्र 18 साल हो जाती है और उसे पढ़ाई या उसकी शादी के लिए पैसों की जरूरत होने पर जमा राशि की 50 फीसद तक राशि निकाल भी सकते हैं। बेटी के 21 साल के होने पर खाते को बंद किया जा सकता है एसडीएम ने बताया कि खाता खुलवाने के बाद इसमें हर महीने कम से कम 250 रुपये और साल में अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं। मगर हर साल अपना खाता चालू रखने के लिए न्यूनतम निवेश बरकरार रखना होगा। सुकन्या समृद्धि अकाउंट स्कीम में खाते में माता-पिता व संरक्षक द्वारा किया निवेश धारा 80 सी के तहत आयकर से छूट है। खाता खोलने के लिए ये कागजात जरूरी:

एसडीएम ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण पत्र, कानूनी अभिभावक के दो फोटो आवश्यक दस्तावेज हैं। सुकन्या समृद्धि अकाउंट की शुरुआती जमा राशि के साथ खोला जा सकता है। किसी महीने या किसी वित्तीय वर्ष में जमा राशि की कोई सीमा नहीं है। सुकन्या समृद्धि योजना लड़कियों के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है। लड़की के वयस्क होने तक उसके अभिभावक द्वारा कन्या के नाम पर खाते में नियमित रूप से पैसे की बचत के साथ ही बेटी का भविष्य संरक्षित व सुरक्षित होता है।

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