संतुलित खानपान और नियमित सैर से दें मधुमेह को मात

आजकल बदलती जीवन सैनी और असंतुलित खानपान ही ज्यादातर बीमारियों की प्रमुख वजह बन रही है। इन बीमारियों में मधुमेह सबसे अहम है। यह रोग उम्र दराज लोगों से लेकर बचपन तक को अपनी चपेट में ले रहा है। समय के साथ इस बीमारी से पीड़ित मरीजो की संख्या भी बढ़ी है। यह रोग आखिरकार क्यों बढ़ रहा है और किस तरह से इससे बचा जा सकता है, इन ¨बदुओं पर लोगों को सलाह देने के लिए बुधवार को बह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल से वरिष्ठ फीजिशियन डा. बीएन मिश्रा हेलो जागरण कार्यक्रम में पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 05:06 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 05:06 PM (IST)
संतुलित खानपान और नियमित सैर से दें मधुमेह को मात
संतुलित खानपान और नियमित सैर से दें मधुमेह को मात

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

आजकल बदलती जीवन सैनी और असंतुलित खानपान ही ज्यादातर बीमारियों की प्रमुख वजह बन रही है। इन बीमारियों में मधुमेह सबसे अहम है। यह रोग उम्र दराज लोगों से लेकर बचपन तक को अपनी चपेट में ले रहा है। समय के साथ इस बीमारी से पीड़ित मरीजो की संख्या भी बढ़ी है। यह रोग आखिरकार क्यों बढ़ रहा है और किस तरह से इससे बचा जा सकता है, इन ¨बदुओं पर लोगों को सलाह देने के लिए बुधवार को बह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल से वरिष्ठ फीजिशियन डा. बीएन मिश्रा हेलो जागरण कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने दैनिक जागरण के मंच से फोन पर दर्जन भर लोगों को शुगर से बचाव की सलाह दी। इसमें झज्जर ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों के लोगों ने भी फोन पर अपनी समस्या बताई।

वैसे तो शुगर को नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन और दवाइयों का उपयोग होता है, मगर इसके साथ-साथ खानपान को संतुलित रखना और जीवन शैली को आदर्श बनाना भी एक तरह से उपचार का ही हिस्सा है। यदि आप चाहते हैं कि जीवन में आप कभी इस बीमारी की चपेट में ही न आएं या फिर आपको इस बीमारी की संभावना दिख रही है तो उस स्थिति में अपनी दिनचर्या पर ध्यान केंद्रित कर लें। इन ¨बदुओं पर रखें ध्यान - शरीर में रक्त के अंदर जब ग्लूकोज की मात्रा निर्धारित से ज्यादा होती है तो इसे ब्लड शुगर या डायबिटीज या मधुमेह कहा जाता है। डा. बीएन मिश्रा के अनुसार इसकी मात्रा एक लेवल तक होनी चाहिए। मगर ब्लड शुगर का रोग दो तरह से होता है। पहले तरह के शुगर में शरीर के अंदर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। इंसुलिन ही शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को संतुलित रखता है। इस तरह का शुगर ज्यादातर कम उम्र में होता है। यह बच्चों को भी चपेट में लेता है। दूसरी तरह के शुगर में शरीर के अंदर इंसुलिन बनता तो है, मगर वह प्रभावी नही होता। इस तरह का शुगर एक निर्धारित उम्र के बाद ही होता है।

- किसी भी तरह का शुगर हो, तो उसे दवाइयों और संतुलित आहार से ही निष्प्रभावी किया जा सकता है। जिनके माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी को शुगर हुआ हो, उनको यह रोग होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शुगर बढ़ा हो और कुछ दिनों के बाद वह कम हो गया हो, उनको भी एक उम्र के बाद शुगर होने की संभावना रहती है। इसके अलावा खानपान असंतुलित रखना, व्यायाम न करना, आरामपरस्त जीवन शैली भी इंसान को इस बीमारी की जद में ला देती है। इसलिए रोजाना तीन-चार किलोमीटर तक सैर करें।

- बहुत से लोग शुगर की बार्डर लाइन पर होते हैं। यानी जब उनका शुगर सामान्य निर्धारित मात्रा के बिल्कुल आखिरी प्वाइंट पर हो तो उन्हें भी शुगर होने की संभावना रहती है। या फिर शुगर नियंत्रित न हो रहा हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

- दवाइयों के बाद भी यदि शुगर नियंत्रित न हो रहा हो तो उस स्थिति में इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। इंसुलिन से घबराने की जरूरत नही होनी चाहिए। अब नई तकनीक से इसमें ज्यादा दर्द भी नही होता। शरीर को किसी तरह नुकसान भी नहीं पहुंचता। शुगर को जल्दी नियंत्रित करने का यह कारगर उपचार है।

- शुगर का शरीर में किडनी, लीवर, आंखों, नसों पर असर पड़ता है। हड्डी कमजोर हो जाती हैं। यदि आंखों की रोशनी प्रभावित हो, नसों में सूनापन हो जाए या पैरों में झनझनाहट हो तो तुरंत इलाज करवाए। समय-समय पर इन अंगों की जांच करवाते रहे। मीठे फल व अन्य मीठी चीजों से परहेज करें। हरी सब्जियां खूब खाएं। आलू व चावल कभी न खाएं। रोजाना व्यायाम और सैर करें। कार्यक्रम में बह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल के मैनेजर विक्की शर्मा भी मौजूद रहे। इन लोगों ने ली फोन पर सलाह

- न्यू बैंक कालोनी से ममता ने डा. बीएन मिश्रा को शुगर के कारण आ रही परेशानी बताई। इस पर डा. मिश्रा ने उन्हें कुछ टेस्ट कराने के अलावा जरूरी सलाह दी।

- मोहन नगर से सुखबीर ने भी मधुमेह को लेकर परामर्श लिया। डा. मिश्रा ने बताया कि खाने के बाद शरीर में शुगर की मात्रा 200 प्वाइंट से ज्यादा नही होनी चाहिए।

- फ्रेंडस कालोनी निवासी राकेश को शुगर के निर्धारित लेवल और इसको संतुलित रखने के बारे में सलाह ली। डा. मिश्रा ने उन्हें बताया गया कि शुगर होने की स्थिति में एक साथ ज्यादा खाना न खाए। पांच रोटी की भूख है तो उसे तीन बार करके खाएं। शुगर के साथ ही शरीर में कोलेस्ट्रोल भी बढ़ता है। शुगर संतुलित रहेगा तो कोलेस्ट्रोल बढ़ने की संभावना भी कम होगी।

- किला मुहल्ला से रमन शर्मा ने आनुवांशिक संभावना के बारे में जरूरी जानकारी ली। डा. मिश्रा ने उन्हें बताया कि रोजमर्रा की दिनचर्या में किन-किन उपायों से इस रोग से बचा जा सकता है।

- सोनीपत के पूठी गांव से जयबीर को सोशल मीडिया के जरिये हेलो जागरण कार्यक्रम के बारे में पता लगा तो उन्होंने भी फोन पर सलाह दी। डा. मिश्रा ने बताया कि शुगर की जांच का चार्ट बना लें।

- कोयलपुर गांव से राजपाल ने बताया कि पैरों में झनझनाहट रहती है। इस पर डा. मिश्रा ने उन्हें जरूरी सलाह दी।

- सेक्टर-6 से ऊषा ने शुगर के कारण पैरों में दिक्कत होने की बात कही। डा. मिश्रा ने उन्हें शुगर को नियंत्रित रखने का परामर्श दिया।

- डीघल से सुभाष ने बार-बार लघुशंका की समस्या बताई। इस पर डा. मिश्रा ने उन्हें टेस्ट करवाने की बात कही।

- झज्जर से बस्ती राम ने भी अपनी समस्या रखते हुए डा. मिश्रा से फोन पर सलाह ली।

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