हवा की गति बढ़ने से आज और कल बारिश की संभावना, 24 घंटे में 350 से नीचे आया एक्यूआइ का स्तर

24 घंटे पहले जहां ये 400 के ऊपर था वहीं मंगलवार को यह औसतन 318 दर्ज किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 07:30 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 07:30 PM (IST)
हवा की गति बढ़ने से आज और कल बारिश की संभावना, 24 घंटे में 350 से नीचे आया एक्यूआइ का स्तर
हवा की गति बढ़ने से आज और कल बारिश की संभावना, 24 घंटे में 350 से नीचे आया एक्यूआइ का स्तर

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

हवा की गति बढ़ने से अब बुधवार व वीरवार को बारिश की संभावना है। मंगलवार को भी दिन में एक-दो बार इक्का-दुक्का बादल आसमान में नजर आए। इस बीच एक्यूआइ का स्तर कम हो गया है। 24 घंटे पहले जहां ये 400 के ऊपर था, वहीं मंगलवार को यह औसतन 318 दर्ज किया गया। अब अगले दो दिनों में इसमें और कमी आने की संभावना है। हवा की गति तेज होने के बाद ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार नजर आता है। पीएम 2.5 का स्तर इस महीने में अधिकतर बार 300 के ऊपर ही रहा है। एक-दो दिनों के लिए ही यह इस स्तर से नीचे आया है। इससे जनजीवन को कुछ राहत मिली है। इधर, निर्माण गतिविधियां बंद हैं और फैक्ट्रियों में जनरेटर चलाने पर भी रोक लगी हुई है। बारिश हुई तो काफी कम हो जाएगा प्रदूषण :

अब जिस तरह से दो दिनों तक बारिश की संभावना जताई जा रही है, यदि वह स्टीक साबित होती है तो प्रदूषण में कमी आ सकती है। बारिश के बाद हवा में नमी भी बढ़ेगी। इससे धूल और धुएं का प्रकोप कम हो सकता है। इधर, कुछ सड़कों पर पैचिग शुरू हो गई है। मंगलवार को बराही से कुलासी मार्ग पर आसौदा गांव के आसपास कर्मचारी सड़क की पैचिग के लिए भी पहुंचे। लोगों का कहना है कि टूटी सड़कों पर उड़ती धूल के कारण भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, मगर इस तरफ प्रशासन की ओर से अब तक ध्यान नहीं दिया जा रहा था। वहीं नगर परिषद के अधिकारियों ने बताया कि सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जो पाबंदियां लगी हुई हैं, उसको लेकर निगरानी भी लगातार जारी है। यह होना चाहिए पीएम 2.5 का स्तर :

पीएम का अर्थ है पर्टिकुलेट मैटर। यह हवा में ठोस या तरल रूप में मौजूद अति सूक्ष्म कण हैं। जिन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है उन्हें पीएम 2.5 तथा जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है, उन्हें पीएम 10 कहा जाता है। इन कणों में हवा में मौजूद कार्बन मोनोक्साइड, कार्बनडाइ आक्साइड आदि घुले होते हैं। जिससे यह जहरीला हो जाता है। पीएम 2.5 का स्तर 60 से अधिक होने पर यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। सूक्ष्म कण सांस के लिए जरिये फेफड़ों में पहुंचते हैं, जो रक्त में आक्सीजन की मात्रा को कम कर देते हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है। हवा में पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए।

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