निगम के फेर में सेक्टरों की सफाई व्यवस्था बेपटरी

हुडा नि:शुल्क उठवाता था कूड़ा, निगम टैक्स लेकर भी नहीं उठवा पा रहा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 02:12 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 02:12 AM (IST)
निगम के फेर में सेक्टरों की सफाई व्यवस्था बेपटरी
निगम के फेर में सेक्टरों की सफाई व्यवस्था बेपटरी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: हुडा की मूलभूत सुविधाएं नगर निगम के अधीन किए जाने के बाद से शहर के बा¨शदे नाखुश हैं। डोर-टू-डोर सफाई का नया टेंडर नहीं हो पाने से लोग परेशान हैं। हुडा में जहां दर्जनों सफाई कर्मियों की टीम थी और संतोषजनक सफाई होने का सर्टिफिकेट रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से लेना होता था। सेक्टरों की सफाई व्यवस्था निगम के अधीन किए जाने के बाद से यह सिलसिला अब खत्म हो गया है। सबसे बड़ी बात हुडा सफाई का काम नि:शुल्क कराता था। अब जबकि सफाई के एवज में नागरिक पैसा चुका रहे हैं, हालात बदतर हो चुके हैं। विशेषकर डोर टू डोर कूड़ा प्रबंधन के लिए नया टेंडर नहीं हो पाने से व्यवस्था चरमरा गई है। अब निगम की ट्रालियां कूड़ा उठा रही हैं। इनकी संख्या भी पर्याप्त नहीं है। इससे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। नियमित नहीं उठ पा रहा है कूड़ा

सेक्टर-10 निवासी वेद प्रकाश कौशिक के मुताबिक सेक्टर में साफ सफाई नियमित नहीं हो पा रही है। डोर टू डोर कूड़ा उठना बंद हो चुका है। कूड़ा सड़कों पर बिखरा रहता है। निगम प्रशासन को साफ सफाई को लेकर उचित प्रबंध करना चाहिए। हुडा के अधीन कर्मचारियों की थी जवाबदेही

मकान नंबर 324 सेक्टर-9 निवासी बलजीत ¨सह साहनी ने बताया कि हुडा में सफाई कर्मियों के करीब 35 पद स्वीकृत थे। हुडा ने इन कर्मचारियों को सीधे रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अधीन किया हुआ था। एसोसिएशन साफ-सफाई संतोषजनक पाने पर ही ठेकेदार को सर्टिफिकेट जारी करती थी। इसके बाद ही ठेकेदार की पेमेंट हुडा से जारी होती थी। अपने स्तर पर करानी पड़ रही साफ-सफाई

मकान नंबर 267 सेक्टर-9 निवासी बिट्टू नागपाल के मुताबिक सड़कों पर पड़ी गंदगी से लगातार परेशानी बनी हुई है। ऐसी स्थिति से परेशान होकर पिछले दिनों हुडा रेजीडेंट एसोसिशन ने अपने स्तर पर ही कूड़ा उठवाया था। अब फिर वही स्थिति है। कूड़ा नियमित नहीं उठ पा रहा है और गलियों में बिखरा पड़ा रहता है। लाखों रुपये चुकाने का नहीं मिला फायदा

मकान नंबर 2459 निवासी सिमरन रेहान ने बताया कि हुडा के सेक्टरों में लोगों ने डेवलपमेंट व एन्हांसमेंट के नाम पर लाखों रुपये चुकाए हुए हैं। जबकि हालात शहर के दूसरे हिस्सों जैसे ही बने हुए हैं। जबकि सेक्टरों की गिनती पॉश एरिया में होती है। जनप्रतिनिधियों को इस तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए। डोर टू डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था बहाल कराई जाए।

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