हर्बल पार्क की हालत खस्ता, गेट टूटा और भीतर खड़ी हैं झाड़ियां

मुलाना में बना चौधरी शंकरलाल हर्बल पार्क विभाग की अनदेखी के कारण अपनी सुंदरता खो चुका है। पार्क बने करीब 8 साल हो चुके है लेकिन समय गुजरने के साथ-साथ इस पार्क की हालत बदतर ही होती गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jan 2022 10:22 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jan 2022 10:22 PM (IST)
हर्बल पार्क की हालत खस्ता, गेट टूटा और भीतर खड़ी हैं झाड़ियां
हर्बल पार्क की हालत खस्ता, गेट टूटा और भीतर खड़ी हैं झाड़ियां

संवाद सहयोगी, मुलाना : मुलाना में बना चौधरी शंकरलाल हर्बल पार्क विभाग की अनदेखी के कारण अपनी सुंदरता खो चुका है। पार्क बने करीब 8 साल हो चुके है लेकिन समय गुजरने के साथ-साथ इस पार्क की हालत बदतर ही होती गई। इसमें बड़ी बड़ी झाड़ियां उग गई हैं। यहां पर लगाये गये पेड़ पौधे पानी न दिये जाने के कारण सूख रहे हैं। पार्क का मुख्य गेट गिर चुका है। शाम होते ही पार्क में नशेड़ी आम तौर देखे जा सकते है। फिर भी वन विभाग आंखे मूंदे बैठा है। यह कहते हैं लोग

मुलाना वासी रमन, साहिल शर्मा, परम सिंह व अंकित ने बताया कि यहां पर यह हाल कई सालों से बने हुए है। केवल पार्क के उद्घाटन समारोह के समय यहां के हालात सही थे, उसके बाद से अब तक विभाग कर्मचारियों ने यहां के हालातों को जायजा तक नहीं लिया। उन्होंने बताया कि यह पार्क मुलाना से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित है। ऐसे में मुलाना वासी वहां जा पाने में असमर्थ है। इसके चलते अब पार्क जंगल का रूप धारण करने लगा है। लोगों ने बताया कि एक ओर जहां सरकार शहरी पार्कों पर लाखों रूपये खर्च कर उन्हें सुंदर बना रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बने पार्क अनदेखी के कारण अपनी सुंदरता खोने लगे है । 23.50 लाख रुपये की लागत से बना था पार्क

मुलाना स्थित इस पार्क का शुभारंभ 16 अगस्त 2014 को कांग्रेस पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना द्वारा किया था। इसे मुलाना के पास लगती वन विभाग की खेड़ा गांव में चार एकड़ जमीन पर करीब 23.50 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था। लेकिन अब विभागीय अनदेखी के चलते पार्क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने पर मजबूर है।

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