'नेताओं और अधिकारियों का गठजोड़ वन संपदा के लिए घातक'

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : वन कर्मचारी संघ ने कहा है कि कहना है कि प्रदेश में रा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jul 2017 07:17 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jul 2017 07:17 PM (IST)
'नेताओं और अधिकारियों का 
गठजोड़ वन संपदा के लिए घातक'
'नेताओं और अधिकारियों का गठजोड़ वन संपदा के लिए घातक'

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : वन कर्मचारी संघ ने कहा है कि कहना है कि प्रदेश में राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों का गठजोड़ प्राणी जगत के लिए घातक बनता जा रहा है। घोषणा की है कि गैर कानूनी निर्णयों का संघ विरोध करेगा। संघ के राज्य प्रधान जीवन ¨सह व सचिव जस¨वद्र ¨सह ने कहा यूनियन ने 31 जुलाई तक चलने वाले वन एवं पर्यावरण बचाव अभियान के तहत समाज के सभी वर्गों का सहयोग लेकर प्राणी जगत की रक्षा के लिए माफिया गिरोह की पोल खोलते हुऐ प्रदेश का वन क्षेत्र बढ़ाने का संकल्प लिया है। बैठक को कृष्ण ¨सह, निर्मल ¨सह, सुखवंत ¨सह, सच्जन बीर, राकेश कुमार आदि ने भी संबोधित किया।

आठ अगस्त को पंचकूला व चंडीगढ़ में रोष प्रदर्शन

यूनियन आठ अगस्त को पर्यावरण विरोधी नीतियों के विरूद्ध पंचकूला में विभाग अध्यक्ष व चंडीगढ़ में अतिरिक्त मुख्य सचिव के कार्यालय पर संघ रोष प्रदर्शन करेगा। वह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा विभाग की उत्पादन शाखा को हरियाणा वन विकास निगम में समायोजित करने के आदेशों का विरोध कर रहे हैं।

वन क्षेत्र घटने के गिनाए अनेक कारण

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मोरनी हिल्स क्षेत्र में वन भूमि की चकबंदी न करवाना, 52000 एकड़ भूमि पतंजलि ट्रस्ट को हर्बल पार्क बनाने के लिए अनुबंध करना, अरावली वन क्षेत्र में कीकर व मसकट के पौधों को काटने के लिए विभाग की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं के आदेश जारी करना, एनएचएआइ के साथ लगती भूमि को आरक्षित व सुरक्षित वन भूमि घोषित न करने का अनुबंध करना, बांधों के ऊपर सड़क बनाना, रेलवे लाइनों के साथ लगती सुरक्षित वन क्षेत्र अधिसूचित भूमि की अधिसूचना रद करने की रेलवे विभाग की मांग व नहरों की रिमाड¨लग से प्रदेश का वन क्षेत्र घट रहा है।

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