ऑपरेशन थियेटर में थे सर्जन, ओपीडी बंद रहने से भटकते रहे मरीज

समय सुबह के साढ़े 11 बजे। स्थान जिला नागरिक अस्पताल। कमरा नंबर 15 सर्जन ओपीडी के बाहर ताला लटका है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 08:40 AM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 08:40 AM (IST)
ऑपरेशन थियेटर में थे सर्जन, ओपीडी बंद रहने से भटकते रहे मरीज
ऑपरेशन थियेटर में थे सर्जन, ओपीडी बंद रहने से भटकते रहे मरीज

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : समय सुबह के साढ़े 11 बजे। स्थान जिला नागरिक अस्पताल। कमरा नंबर 15 सर्जन ओपीडी के बाहर ताला लटका है। दीवार पर नोटिस चस्पा किया गया है कि आपरेशन सोमवार और बुधवार। लेकिन मरीज फिर भी इस कक्ष के बाहर खड़े हैं। उनके हाथ में पर्ची है। इस पर्ची पर कमरा नंबर 15 का नंबर ही लिखा गया है। इसीलिए मरीजों इस आस में खड़े हैं कि शायद डाक्टर आएगा और उनका इलाज होगा लेकिन घंटों के इंतजार के बाद भी डाक्टर नहीं आए। हां कुछ देर पहले एक महिला कर्मी आती है और ताला लगाकर चली जाती है। कोई भी मरीजों को यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि आज ओपीडी होगी या नहीं। न केवल अंबाला बल्कि अंबाला से सटे पंजाब और मोहाली से भी यहां पर मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं लेकिन सभी भटक रहे हैं। मरीजों का कहना है कि यदि एक डॉ. आपरेशन में है तो दूसरा तो होना चाहिए था।

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सीनियर सिटीजन की लाइन में भी मारामारी

जिला नागरिक अस्पताल में दवा काउंटर पर मारामारी जैसे हालात हैं। सैकड़ों मरीज दवा लेने के लिए कतार में हैं। लेकिन यहां व्यवस्था संभाले नहीं संभल रही। बुजुर्गों की लाइन में ही जवान और महिलाएं भी खड़ी हैं। यही हाल महिलाओं की लाइन के हैं।

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चार दिन रखने के बाद महिला को किया पीजीआइ रेफर, परिजनों का फूटा गुस्सा

शाहपुर नुर्द की रहने वाले रितु की डिलीवरी होनी थी। उसे 15 मार्च का जिला नागरिक अस्पताल में परिजनों ने दाखिल कराया था। परिजन बलवंत ने आरोप लगाते हुए कहा कि चार दिन रखकर रितु को पीजीआइ यूं कहकर रेफर कर दिया गया कि यहां उसका इलाज नहीं हो सकता। परिजनों ने आरोप लगाए कि यदि दिक्कत थी तो एक दिन रखकर भी बताया जा सकता है। अब डिलीवरी का समय भी निकल चुका है।

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फोटो: 55

सुबह से आई हूं। केवल एक कर्मी आई थी और वह ताला लगाकर चली गई। कोई कुछ बताने के लिए भी तैयार नहीं है कि डाक्टर आएगा भी या नहीं।

रेशमा, पंजोखरा साहिब।

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फोटो: 56

अगर डाक्टर को नहीं आना तो यह तो बता दें कि नहीं आना है ताकि हमें इंतजार न करना पड़े, पंजाब से आई हूं लेकिन यहां तो कोई डाक्टर ही नहीं है।

बंतो देवी, घन्नोर, पंजाब।

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सुबह से डाक्टर के आने का इंतजार है। एक डाक्टर आपरेशन में है तो दूसरे की व्यवस्था करानी चाहिए या फिर पर्ची नहीं बनाते।

मंजीत कौर, रायवाली।

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एक घंटे से ज्यादा हो गए हमें लाइन में लगे हुए अभी तक दवाई नहीं मिली। यदि स्टाफ कम है तो कम से कम सीनियर सिटीजन की लाइन की व्यवस्था तो कराई जा सकती है।

पिसौरी लाल, हरी पैलेस अंबाला शहर।

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यहां न तो सीनियर सिटीजन की कोई लाइन है न ही महिलाओं की। सब एक ही साथ लगे हैं कोई व्यवस्था नाम की ही चीज नहीं है।

तिलक राज, अंबाला शहर।

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