एक दिन में म्यूटेशन की फाइल पर पांच अफसरों से करवाए थे साइन

इसे रुतबा कहें या फिर सेटिग का खेल कि अंबाला छावनी नगर निगम में एक ही दिन में म्यूटेशन की फाइल पर पांच अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर म्यूटेशन कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 06:55 AM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 06:55 AM (IST)
एक दिन में म्यूटेशन की फाइल पर पांच अफसरों से करवाए थे साइन
एक दिन में म्यूटेशन की फाइल पर पांच अफसरों से करवाए थे साइन

जागरण संवाददाता, अंबाला : इसे रुतबा कहें या फिर सेटिग का खेल कि अंबाला छावनी नगर निगम में एक ही दिन में म्यूटेशन की फाइल पर पांच अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर म्यूटेशन कर दी। यह मामला छावनी के निकलसन रोड स्थित एक जमीन का है। जबकि म्यूटेशन की सैकड़ों फाइलें आज भी धूल फांक रही हैं। एक टेबल से दूसरे टेबल फाइल जाती है, लेकिन कर्मचारी कोई न कोई आपत्ति लगाकर उसे अलमारी में रख लेते हैं। आज भी लोग म्यूटेशन को लेकर नगर परिषद के चक्कर काट रहे हैं। लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। म्यूटेशन कराए बिना प्रॉपर्टी बेचने तक में दिक्कत आ रही है।

बता दें कि सूचना अधिकार के तहत मिली एक जानकारी ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए। हुआ यूं कि छावनी के निकलसन रोड पर एक प्रापर्टी की खरीद-बिक्री हुई। इसकी म्यूटेशन करवाने के लिए जमीन मालिक ने 22 मई 2015 को फाइल नगर निगम (अब नगर परिषद) में जमा करवाई थी। फाइल पर 29 मई 2015 को पांच अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर म्यूटेशन कर दी। जबकि म्यूटेशन की फाइल एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच और फिर अधिकारी के चेंबर तक पहुंचाने में कम से कम एक सप्ताह, कई बार तो साल भर का समय लग जाता है, लेकिन इस जमीन की एक सप्ताह में म्यूटेशन ही कर दी गई। आरटीआइ में दी गई जानकारी ने अफसरों की कार्यप्रणाली ही नहीं बल्कि म्यूटेशन को लेकर चल रहे खेल का पर्दाफाश कर दिया है।

बता दें कि अंबाला छावनी के लोग म्यूटेशन (भूमि पंजीकरण) की फाइल सालों से पेंडिग पड़ी हैं। म्यूटेशन की पावर ईओ को थी, लेकिन बाद में पावर वापस डीसी के पास चली गई थी। तब लोगों को डीसी कार्यालय के चक्कर काट़ने पड़ते थे, लेकिन अब पावर नगर परिषद को मिल चुकी है। बावजूद फाइलें पेंडिग पड़ी हैं जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है।

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