बराड़ा की राइस मिल ने सरकार को लगाया पांच करोड़ का फटका

एक राइस मिल ने सरकार को धान देने के मामले में गड़बड़ी कर करोड़ों का धान खुर्द-बुर्द कर सरकार को पांच करोड़ का चुना लगा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 06:00 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 06:00 PM (IST)
बराड़ा की राइस मिल ने सरकार को लगाया पांच करोड़ का फटका
बराड़ा की राइस मिल ने सरकार को लगाया पांच करोड़ का फटका

संस, बराड़ा : एक राइस मिल ने सरकार को धान देने के मामले में गड़बड़ी कर करोड़ों का धान खुर्द-बुर्द कर सरकार को पांच करोड़ का चुना लगा दिया। अब विभाग ने उक्त राइस मिल के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर विभागीय जांच शुरू कर दी है। राइस मिल ने सरकार को देने वाले चावल को खुर्द-बुर्द कर सरकार का पांच करोड़ 44 लाख 25 हजार 414 रुपये का घाटा पहुंचाया। राइस मिल की इस धोखाधड़ी की शिकायत खाद्य एंव आपूर्ति विभाग ने पुलिस को की है जिस पर पुलिस ने मेसर्स रामा राइस मिल बराड़ा के पांच संचालक संजय गंभीर, मोहित गंभीर, आशीम, मनन और रवींद्र गौड़ ने वर्ष 2018-2019 में खाद्य विभाग के साथ एंग्रीमेंट किया। जिसके मनन व रविन्द्र दो गारंटर बने। वर्ष 2018-2019 में उक्त राइस मिल को विभाग की ओर से 4401 एमटी धान सीएमआर मिलिग के लिए अलाट किया तथा सरकारी हिदायतों के अनुसार मिल को 67 प्रतिशत के औसत से कुल 2948़.67 टन चावल भारतीय खाद्य निगम को 30 जून 2019 तक देना था, लेकिन राइस मिल की ओर से केवल 1132. 22 टन चावल का भुगतान ही भारतीय खाद्य निगम को किया गया। सरकार की ओर से मिल को चावल का भुगतान करने की तिथि 30 सितंबर 2019 दे दी गई, लेकिन जब विभाग ने राइस मिल में जाकर जांच की तो राइस मिल में 1658.94 एमटी सीएमआर का स्टाक ही मिला। राइस मिल ने 30 सितंबर 2019 तक 1375. 95 टन चावल का भुगतान सरकार को किया। उसके बाद विभाग की ओर से चावल पूरा करने के बारे में कई बार संबंधित राइस मिल के साथ पत्राचार किया गया, लेकिन राइस मिल की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया न ही स्टॉक का भुगतान पूरा किया गया। विभाग की मानें तो फिलहाल राइस मिल की ओर से 1572.51 टन चावल बकाया है, जो मिल की ओर से नहीं दिया गया। खाद्य विभाग की ओर से दी गई शिकायत में बताया गया कि बकाया 1572.51 एमटी चावल का 3342.37 प्रति क्विंटल ब्याज 12 प्रतिशत की दर से जिसमें होर्डिग, चार्ज और अन्य शुल्क शामिल है, यह राशि 5,44,25,414 बनती है जिसका नुकसान राइस मिल ने सरकार को पहुंचाया है। विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर पुलिस ने राईस मिल संचालकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 व 406 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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