रेलवे कर्मचारी करता रहा हेराफेरी, अफसरशाही की मेहरबानी से कार्रवाई विभाग तक सिमटी

रेलवे मामूली चूक पर जांच बैठा देता है, लेकिन यहां खजाने को चूना लगाने का मामला सामने आने पर दोषी कर्मचारी का तबादला कर इतिश्री कर ली गई।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 01 Dec 2018 08:00 PM (IST) Updated:Sun, 02 Dec 2018 12:57 PM (IST)
रेलवे कर्मचारी करता रहा हेराफेरी, अफसरशाही की मेहरबानी से कार्रवाई विभाग तक सिमटी
रेलवे कर्मचारी करता रहा हेराफेरी, अफसरशाही की मेहरबानी से कार्रवाई विभाग तक सिमटी

अंबाला [दीपक बहल]। रेलवे मामूली चूक पर जांच बैठा देता है, लेकिन यहां खजाने को चूना लगाने का मामला सामने आने पर दोषी कर्मचारी का तबादला कर इतिश्री कर ली गई। इस घोटाले को विभागीय जांच तक सीमित रखा गया। आरोपी कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो गया, लेकिन केस दर्ज कराने की जरूरत नहीं समझी गई।

सूत्रों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम अंबाला और आसपास के जिलों का गेहूं और चावल यहां लोडिंग कराकर देशभर में भेजता है। दूसरे राज्यों से आई एसीसी सीमेंट की रैक यहां लगती है। यहीं से प्रदेशभर में उसकी सप्लाई होती है। मालगाड़ी से लोड सामान उतारने में देरी पर रेलवे मोटा जुर्माना वसूलता है। एक घंटा देरी से माल उतारने पर डेढ़ सौ रुपये प्रति डिब्बे के हिसाब से जुर्माना लगता है। यदि ट्रेन 58 डिब्बों की है तो जुर्माना 8700 लगता है।

कई कई घंटे मालगाड़ी से माल का उठान नहीं हो पाता और रेलवे मोटा जुर्माना वसूलता है। अंबाला छावनी से सटे गुड्स कार्यालय के कर्मचारियों ने उठान में देरी पर जुर्माना तो वसूल कर लिया, लेकिन कागजों में हेराफेरी कर उस राशि का कुछ हिस्सा ही जमा कराया। बाकी अपनी जेब में डाल दिया। यह खेल लंबे समय तक चलता रहा, अधिकारी बेखबर रहे। दिल्ली में लेखा विभाग की जांच में यह गड़बड़ी सामने आई तो पता चला कि करीब सवा लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा नहीं किए गए।

मामला सामने आने पर आनन-फानन में कॉमर्शियल विभाग के अधिकारियों ने संबंधित क्लर्क को गुड्स से पार्सल में तबादला कर दिया। मामला गबन का होने के बावजूद इसे विभागीय जांच तक सीमित रखा। घोटाले में लिप्त कर्मचारी रिटायर्ड हो गया, लेकिन मामला दर्ज नहीं कराया गया।

घोटाले में लिप्त कर्मी पर पहले भी दी गई थी मेजर चार्जशीट

बताते हैं कि गड़बड़ी में शामिल कर्मचारी पर पहले भी मेजर चार्जशीट एसएफ-5 दी गई थी। उसके खिलाफ इस तरह की तीन चार्जशीट दी गई थी। इसमें दोषी पाए जाने पर नौकरी से बर्खास्तगी की सजा का प्रावधान है। इस दौरान संबंधित कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गया। उसका पूरा भुगतान अभी नहीं हुआ है, लेकिन  कोई केस दर्ज नहीं कराया गया।

डीआरएम ने बताया गंभीर

डीआरएम दिनेश चंद शर्मा ने कहा कि इस तरह से होना नहीं चाहिए, यदि ऐसा हुआ है तो गंभीर मामला है। वह चेक करके ही कुछ बता सकते हैं।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी