वकील ने मांगी तारीख, अदालत की हिदायत अगली बार अफसर पहुंचे

जिले में प्रदूषण की अधिकता वायु गुणवत्ता खतरे में होने के मामले में अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई। इसमें नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से वकील पेश हुए लेकिन कोई जवाबदावा पेश नहीं कर सके।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 07:31 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 07:31 AM (IST)
वकील ने मांगी तारीख, अदालत की हिदायत अगली बार अफसर पहुंचे
वकील ने मांगी तारीख, अदालत की हिदायत अगली बार अफसर पहुंचे

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिले में प्रदूषण की अधिकता, वायु गुणवत्ता खतरे में होने के मामले में अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई। इसमें नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से वकील पेश हुए, लेकिन कोई जवाबदावा पेश नहीं कर सके। मामले में अगली तारीख की डिमांड की गई। इस पर अदालत ने मामले में अफसरों को लेकर पहुंचने की हिदायत दी ताकि प्रदूषण से बचाव को लेकर प्लान जाना जा सके।

जिले को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कई वकीलों ने संयुक्त रूप से जन उपयोगिता अदालत में याचिका लगाई थी। इसमें बताया गया था कि कूड़े को आग लगाकर वातावरण में जहर घोला जा रहा है। इसके बाद अदालत ने मामले के चारों उत्तरदायियों जिसमें हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन, डिप्टी कमिश्नर अंबाला, म्यूनिसिपल काउंसिल छावनी और नगर निगम अंबाला शहर को पार्टी बनाया था। वकीलों ने याचिका में आरोप लगाया कि म्यूनिसिपल कार्पाेरेशन और म्यूनिसिपल काउंसिल छावनी के कर्मचारी और ठेकेदार के कर्मचारी कचरे का उचित निपटान नहीं करते, बल्कि गैरकानूनी रूप से कचरे को जलाया जा रहा है। खतरे में रही वायु गुणवता

वकीलों ने याचिका में आरोप लगाया कि अंबाला में प्रदूषण अधिकता में है। वायु गुणवत्ता खतरे में है और उसे एयर क्वालिटी इंडेक्स में बहुत खराब में दर्ज किया गया है। अंबाला की गुणवत्ता एक्यूआइ 385 के रूप में दर्ज की गई थी। इतनी अधिक खराब श्रेणी लोगों के लिए खतरा है। ऐसा लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने पर लोगों को श्वसन संबंधी बीमारी हो सकती है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ होगी और फेफड़े, अस्थमा और दिल की बीमारियां आदि लोगों की जीवन के लिए खतरा हो सकती हैं। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक जिला में काफी हद तक स्मॉग देखा गया है। मामले में तारीख नहीं कार्रवाई होनी चाहिए

मामले में नगर निगम और जिला प्रशासन के वकील ने तारीख मांगी। जिस पर याचिकाकर्ता वकील रोहित जैन, नेहा ने अदालत में कहा कि मामले में डेट नहीं, बल्कि कार्रवाई होनी चाहिए। उनका प्रदूषण से निपटने को लेकर क्या प्लान है और क्या करेंगे। लोगों की सेहत का मामला है। वह कर्मियों को कैसे जागरूक करेंगे। उनके पास कूड़ा के निष्पादन का क्या तरीका है। इस पर अदालत ने मामले में अगली बार किसी अफसर को लेकर आने के लिए हिदायत दी ताकि जाना जा सके वह इसे किस तरीके से लागू करवा सके।

chat bot
आपका साथी