धरने प्रदर्शन के बावजूद किसानों का मिल की तरफ 120 करोड़ बकाया

नारायणगढ़ चीनी मिल में गन्ना उत्पादक किसानों के गन्ने की पेमेंट का मुद्दा लोकसभा चुनाव में गूंजेगा। क्योंकि बार बार गन्ना उत्पादक किसानों की ओर से धरने प्रदर्शन करने के बावजूद भी लगभग 120 करोड़ रुपये की पेमेंट मिल की तरफ बकाया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 09:58 AM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 06:30 AM (IST)
धरने प्रदर्शन के बावजूद किसानों का मिल की तरफ 120 करोड़ बकाया
धरने प्रदर्शन के बावजूद किसानों का मिल की तरफ 120 करोड़ बकाया

नवीन मित्तल, शहजादपुर: नारायणगढ़ चीनी मिल में गन्ना उत्पादक किसानों के गन्ने की पेमेंट का मुद्दा लोकसभा चुनाव में गूंजेगा। क्योंकि बार बार गन्ना उत्पादक किसानों की ओर से धरने प्रदर्शन करने के बावजूद भी लगभग 120 करोड़ रुपये की पेमेंट मिल की तरफ बकाया है। गन्ने की पेमेंट न मिलने के कारण किसानों को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। हालांकि चीन मिल प्रशासन ने किसानों को मिल बन्द होने के एक महीने के अंदर गन्ने की पेमेंट किये जाने का आश्वासन दिया हुआ है। कहा गया है कि जिस किसान को ब्याज सहित चेक चाहिए वह भी ले सकता है। हालांकि किसान इस बात पर सहमत हो गए थे। किसानों का कहना है कि गन्ने की पेमेंट की समस्या का हल केवल सरकार ही करवा सकती है और लोक सभा के चुनाव में गन्ने की पेमेंट का मुद्दा अवश्य उठाया जाएगा।

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कर्ज नहीं चुका पा रहा

किसान कृष्ण का कहना है कि उसने चीनी मिल में गन्ना डाला था और लगभग तीन लाख रुपये के करीब अभी भी मिल के पास बकाया हैं। जब गन्ना बोया था उस समय बैंक से कर्ज लिया था। मिल से पेमेंट न होने के कारण कर्ज नहीं चुका पा रहा है। इसी कारण अन्य रोजमर्रा के काम भी बाधित हो रहे हैं।

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बैंक और साहूकारों का कर्ज बढ़ रहा

किसान हरपाल बख्तुआ का कहना है कि उसका मिल की तरफ लगभग तीन से चार लाख रुपये के करीब गन्ने की पेमेंट बकाया है। जिस कारण बैंक व साहूकारों का कर्ज बढ़ता जा रहा है। जमीन ठेके पर ले कर गन्ना लगाया था और मिल में भी डाल दिया परन्तु गन्ने की पेमेंट न मिलने के कारण ठेके के पैसे भी नहीं दे पा रहे हैं। कृषि कार्य भी बिना पैसे के नहीं हो पा रहा है।

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बच्चे का दाखिला नहीं हो पा रहा

किसान दर्शन राणा ने बताया कि नारायणगढ़ चीनी मिल में गन्ना डाला था परन्तु बकाया पेमेंट नहीं मिली है। गन्ने की करीब एक लाख रुपये की पेमेंट मिल के पास बकाया है। वहीं कृषि के कार्यों सहित बच्चों के दाखिलों को लेकर चिता में डूबे हुए हैं कि आखिर सारे कार्य कैसे होंगे।

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ब्याज बढ़ता जा रहा

किसान निर्मल बख्तुआ ने कहा कि उनका चीनी मिल के पास लगभग दो लाख के करीब पेमेंट बकाया है। बैंक से लिमिट बने होने के साथ साथ साहूकार से भी पैसे लिए हुए जिनका ब्याज बढ़ता जा रहा है। चीनी मिल से पैसे न मिलने के कारण आढ़ती के पास जाना पड़ रहा है तब लेबर का भुगतान हो रहा है।

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