Ambala News: बच्चे का एक-एक शब्द जोड़ ढूंढा ठिकाना, स्वजनों को सौंपे नाबालिग

अलग-अलग जगह से दो नाबालिग बच्चे अंबाला में पहुंच गए। जो न तो अपने बारे बता पा रहे थे और न ही अपने स्वजनों के बारे में। ऐसे में दोनों से बातचीत करके कई दिन तक एक एक शब्द जोड़ा गया। आखिरकार जांच के बाद उनके घर ढूंढ लिए गए।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Tue, 28 Mar 2023 12:23 PM (IST) Updated:Tue, 28 Mar 2023 12:23 PM (IST)
Ambala News: बच्चे का एक-एक शब्द जोड़ ढूंढा ठिकाना, स्वजनों को सौंपे नाबालिग
पुलिस ने खोए बच्चों को घर पहुचायां

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: अलग अलग जगह से दो नाबालिग अंबाला में पहुंच गए। जो न तो अपने बारे बता पा रहे थे और न ही अपने स्वजनों के बारे में। इतना ही नहीं दोनों अपने पता वगैरह की भी जानकारी नहीं दे रहे थे। ऐसे में दोनों से बातचीत करके कई दिन तक एक एक शब्द जोड़ा गया। जिसके बाद जांच उनके घर तक पहुंची।

गोवा के पणजी की रहने वाली है नाबालिग

जहां सोमवार को दोनों नाबालिगों को स्वजनों को सौंप दिया गया है। बता दें कि अंबाला छावनी के पड़ाव थाना क्षेत्र से एक नाबालिग मिली थी। जिस पर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी थी। क्राइम ब्रांच यमुनानगर इंचार्ज जगजीत सिंह के प्रयास से नाबालिग सुलेखा का पता गोवा के पणजी में ट्रेस किया, जहां से उसके पिता शंकर शाह और माता सुनीता को बुलाया गया।

बच्चे का पिता करता है मजदूरी

वहीं दूसरी तरफ आठ वर्षीय रोहित, जिसके माता पिता मेहनत मजदूरी करते हैं। इस कारण उनका कोई पक्का ठिकाना नहीं था। वह कभी शिमला तो कभी दिल्ली तो कभी बिहार बताता रहा। इसके साथ ही कंडी शब्द दोहराता रहा। जिसको आधार पर कंडी गांव बिहार के गांव में मिला, जहां गांव में उसका फूफा विनोद मिला। उसने बताया कि रोहित के पिता गुड्डू का नंबर उपलब्ध करवाया, जो गुरुग्राम में मजदूरी का काम करता था।

दोनों बच्चों के स्वजन आज अंबाला पहुंचे थे, जहां दोनों बच्चे सौंप दिए गए हैं। बच्ची गोवा की रहने वाली है और लड़के का परिवार गुरुग्राम में रहता है।

-रंजीता सचदेवा, चेयरपर्सन, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी

chat bot
आपका साथी