सड़कों पर उतरे फेड़ी वाले, जारी रहेगा मंडे बाजार

By Edited By: Publish:Tue, 23 Sep 2014 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 Sep 2014 01:00 AM (IST)
सड़कों पर उतरे फेड़ी वाले, जारी रहेगा मंडे बाजार

जागरण संवाददाता, अंबाला : सदर बाजार एसोसिएशन की ओर से मंडे बाजार बंद कराने के फैसले पर डीसी डॉ. साकेत कुमार ने ब्रेक लगा दिया है। आगे भी मंडे बाजार पहले की तरह गुलजार रहेगा। डीसी के हस्तक्षेप से फड़ी लगाने वाले सैकड़ों लोगों की जान में जान आई है। वहीं दुकानदार बैकफुट पर चले गए हैं। सदर बाजार एसोसिएशन के फैसले के बाद सड़कों पर उतरे फड़ी लगाने वालों ने सदर बाजार चौक पर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में फड़ी वाले डीसी डॉ. साकेत कुमार से मिले जिसके बाद डीसी ने खुद एसएचओ छावनी को फोन कर जवाब तलब किया। शाम तक मंडे बाजार पूरी तरह से गुलजार हो गया था।

सोमवार को छावनी के सदर बाजार में एकत्रित हुए फड़ी वालों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। फेड़ी वालों का कहना था कि दुकानदार सड़क पर सामान रखकर बेचने के उनसे 400 रुपये रोज लेते हैं। हरेक दुकानदार का अलग-अलग रेट है। इसके बाद दुकानदार डीसी से मिले। डीसी कार्यालय पहुंचे फड़ी वालों ने डीसी डॉ. साकेत कुमार को बताया कि वे वर्षो से सदर बाजार में छुट्टी वाले दिन मंडे बाजार लगाते आ रहे हैं। इस एक दिन के बाजार से पूरे सप्ताह उनके बच्चों का गुजर बसर चलता है। इस मौके राजेंद्र, मुकेश, राहुल, नीरज, पवन, रंजीत व हैप्पी ने डीसी को बताया कि उन्होंने त्योहारी सीजन के चलते कर्ज लेकर सामान खरीदा हुआ है। ऐसे में अगर उनकी फड़ी नहीं लगने दी गई तो उनके भूखे मरने जैसी स्थिति बन जाएगी।

डीसी ने एसएचओ से की जवाब तलबी

फड़ी वालों की गुहार पर डीसी ने उनके सामने ही एसएचओ सदर को फोन लाइन पर लिया। डीसी ने एसएचओ राजीव मिगलानी से फड़ी हटवाए जाने का कारण पूछा। एसएचओ का जवाब था कि सदर बाजार एसोसिएशन की तरफ से उन्हें लिख कर दिया गया है। इस पर डीसी बोले कि एसोसिएशन के लिखने मात्र से बाजार से फड़ियां नहीं हटाई जा सकती हैं। ये लोग सालों से यहां गुजर बसर कर रहे हैं। एसोसिएशन को चाहिए था कि वह सीधे जिला प्रशासन से बात करती। डीसी बोले, कि फड़ी वालों को न रोका जाए।

पुलिस ने खींचे हाथ

डीसी से मिलने के बाद फड़ी वाले जब अपनी फड़ी लगाने लगे तो दुकानदार फिर से विरोध जताने लगे। फड़ी वालों ने तुरंत एसएचओ राजीव मिगलानी को फोन कर मदद मांगी। हैरानी इस बात की थी कि डीसी से बातचीत के बावजूद भी एसएचओ के सुर बदले हुए थे। एसएचओ फोन पर बोले कि यह तुम्हारा आपस का मामला है न तो मैं फड़ी लगवाने वाला हूं और न ही हटवाने वाला। इसके बाद जब फड़ी वालों ने सड़क के बीच अपना सामान सजाना शुरू कर दिया तो दुकानदार थाने जाकर पुलिस बुला लाए। अमर आर्य के अनुसार उन्होंने एक बार फिर एसएचओ को फोन मिलाया और बताया कि पुलिस वाले उन्हें परेशान कर रहे हैं। जिस पर एसएचओ ने फोन पर ही पुलिस वालों को वहां से वापस थाने आ जाने के लिए बोल दिया। इसके बाद फड़ी वालों ने राहत की सांस ली।

वर्जन..

यह बाजार एसोसिएशन व फड़ी वालों का आपसी मामला था। इससे पुलिस को कोई मतलब नहीं था। जो पुलिस कर्मी गए थे वे दोनों पक्षों में लड़ाई-झगड़े की स्थिति को टालने के मकसद से गए थे।

राजीव मिगलानी, एसएचओ छावनी थाना।

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