कैसे आया था एटीएम का आइडिया

आजकल जिस तरह से एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के सामने लोगों की लंबी लाइन लगी है, उससे आप भी समझ ही गए होंगे कि यह मशीन आज हमारे लिए कितनी उपयोगी हो गई है। क्या आप जानते हैं कि इसका आइडिया सबसे पहले कब और कैसे आया था?

By Babita kashyapEdited By: Publish:Fri, 18 Nov 2016 10:22 AM (IST) Updated:Fri, 18 Nov 2016 10:38 AM (IST)
कैसे आया था एटीएम का आइडिया

बात 1965 की है। एक दिन एटीएम के स्कॉटिश आविष्कारक जॉन शेफर्ड बैरॉन को पैसे की जरूरत थी। वे बैंक गए, लेकिन एक मिनट की देरी से पहुंचे। बैंक बंद हो चुका था और वे पैसे नहीं निकाल पाए। इसके बाद ही उन्होंने सोचा कि जब एक मशीन से चॉकलेट निकल सकता है, तो फिर 24 घंटे पैसे क्यों नहीं निकल सकते और अगर ऐसा हो जाए, तो लोगों को कितनी सहूलियत होगी। इसके बाद ही उन्होंने एटीएम मशीन का निर्माण किया।

क्यों होते हैं चार अंकों के पिन?

जॉन शेफर्ड बैरॉन पहले छह डिजिट के पासवर्ड रखना चाह रहे थे, लेकिन अपनी पत्नी की वजह से उन्हें यह विचार वापस लेना पड़ा। उनकी पत्नी ने कहा कि 6 डिजिट ज्यादा है और इसे लोग याद नहीं रख पाएंगे। इस कारण उन्होंने चार डिजिट का एटीएम पिन बनाया।

एटीएम का इंडिया कनेक्शन

बैरॉन का जन्म 23 जून, 1925 को भारत के पूर्वोत्तर स्थित राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग में हुआ था। उनके पिता विलफ्र्रिड तत्कालीन चिटगांव पोर्ट के चीफ इंजीनियर थे। बैरॉन का

निधन 2010 में 84 वर्ष के उम्र में हुआ था।

एटीएम के आविष्कार को लेकर कई मत

बहुत से एक्सपर्ट का मानना है कि पहली ऑटोमेटेड बैंकिंग मशीन का निर्माण अमेरिकी आविष्कारक और बिजनेसमैन लुथर सिमजियन ने वर्ष 1939 में किया था, लेकिन ग्राहकों द्वारा उस मशीन को स्वीकार नहीं किए जाने के कारण उसे हटा दिया गया था। इसके अलावा, अमेरिका में डोनाल्ड वेजेल द्वारा शुरुआती ऑटोमेटेड बैंकिंग मशीन सितंबर1969 केमिकल बैंक के ब्रांच में लगाई गई थी।

कैश निकालने वाला पहला एटीएम 27 जून, 1967 को लंदन के बारक्लेज बैंक में लगाया गया था। भारत में पहली बार एटीएम सर्विस की शुरुआत 1987 में हुई थी, जब एचएसबीसी ने इस मशीन को मुंबई में लगाया था।

- दुनिया का सबसे ऊंचा एटीएम पहले नाथूला में था, जिसकी ऊंचाई 14,300 फीट थी। हाल में पाकिस्तान में खुंजेराब पास में नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान ने 15,397 फीट की ऊंचाई पर एटीएम स्थापित किया है।

-कोच्चि में तैरने वाला एटीएम लगाया गया था। ये मशीन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने लगाई थी। इसकी ऑनर केरल शिपिंग ऐंड इनलैंड नेविगेशन कॉरपोरेशन कंपनी थी।

- एटीएम को अलग-अलग देशों में कई नामों से जाना जाता है। यूके और न्यूजीलैंड में इसे 'कैश प्वाइंट' या 'कैश मशीन' कहा जाता है। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में इसे 'मनी मशीन' कहते हैं।

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