मूंगफली खरीद में गड़बड़ी के मामले में कृषि मंत्री व नाफेड चेयरमैन में ठनी
मूंगफली गोदामों में लगी आग के बाद मूंगफली खरीद में करोड़ों के घोटाले की आशंका जताई जा रही है।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात में किसानों से खरीदी गई मूंगफली के साथ मिट्टी निकलने व गोदामों में आग की घटनाओं के चलते राज्य सरकार व राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) आमने सामने आ गए हैं। नाफेड चैयरमेन ने मूंगफली खरीद में गड़बड़ी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो जवाब में प्रदेश के कृषि मंत्री ने पत्र लिखकर नाफेड चेयरमैन को उनकी जिम्मेदारियां गिनवाते हुए कहा कि एक दिवालिया संस्था को 25 हजार करोड़ की खरीद को मौका मिला, जिसे ठीक से नहीं निभाया।
गुजरात के कृषिमंत्री आरसी फलदू ने बुधवार को भारतीय राष्ट्रीय क्रषि सहकारी विपणन संघ नाफेड के चेयरमैन वाघजी बोडा के नाम सार्वजनिक पत्र लिखकर कहा कि राज्य में गत वर्ष किसानों ने अच्छी पैदावार की थी, फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का काम केंद्र सरकार ने नाफेड को सौंपा। नाफेड ने 5 सहकारी संस्थाओं के साथ मिलकर 8 लाख मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद की। फलदू ने कहा कि मूंगफली खरीदने तथा सरकारी गोदाम में जमा करने तक का काम नाफेड की देखरेख में हुआ, लेकिन बार बार गोदामों में लगी आग के बाद मूंगफली के साथ बोरियों में निकल रही मिट्टी के चलते खरीद में गड़बड़ी की जिम्मेदारी नाफेड चेयरमैन अब राज्य सरकार पर डाल रहे हैं।
फलदू ने कहा कि नाफेड एक दिवालिया संस्था बन गई थी। केंद्र सरकार ने उसे 25 हजार करोड की मूंगफली व अन्य फसल खरीद का काम सौंपकर संस्था को जीवित करने का प्रयास किया, लेकिन नाफेड अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा तथा अब खरीद में करोड़ों की गड़बड़ी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बता रहा है, जबकि गुजरात सरकार ने नाफेड की ओर से किसानों को बिल व रसीद देरी से देने के बाद भी अपनी ओर से उनको समय पर भुगतान की व्यवस्था कर दी थी।
गौरतलब है कि राज्य में बीते कुछ माह से मूंगफली गोदामों में लगी आग के बाद मूंगफली खरीद में करोड़ों के घोटाले की आशंका जताई जा रही है, इसलिए राज्य सरकार व नाफैड अब एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।