Gujarat: गुजरात में लोगों की आपत्ति के कारण मुस्लिम को फ्लैट नहीं बेचेगा हिंदू

Gujarat. गुजरात के लोगों का दावा है कि यदि मुस्लिम को फ्लैट बेचा गया तो इलाके में रियल एस्टेट की कीमत गिर जाएगी।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 26 Nov 2019 12:55 PM (IST) Updated:Tue, 26 Nov 2019 12:55 PM (IST)
Gujarat: गुजरात में लोगों की आपत्ति के कारण मुस्लिम को फ्लैट नहीं बेचेगा हिंदू
Gujarat: गुजरात में लोगों की आपत्ति के कारण मुस्लिम को फ्लैट नहीं बेचेगा हिंदू

वडोदरा, प्रेट्र। Gujarat. गुजरात में वडोदरा के पॉश इलाके में स्थित एक हाउसिंग कांप्लेक्स के लोगों ने मुस्लिम को फ्लैट बेचने पर आपत्ति जताई है। लोगों का दावा है कि यदि मुस्लिम को फ्लैट बेचा गया तो इलाके में रियल एस्टेट की कीमत गिर जाएगी। निवासियों के रोकने पर हिंदू फ्लैट मालिक ने अपना फैसला टाल दिया है।

जिले के वासना रोड इलाके में समर्पण सोसायटी के निवासी महेश पलानी ने कहा कि रविवार की बैठक में सदस्यों ने कहा कि इससे इलाके में रियल एस्टेट की कीमत पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। लोगों की आपत्ति को देखते हुए उन्होंने पुलिस जांच के लिए सौंपी गई अर्जी भी वापस लेने की योजना बनाई है।

सोसायटी के निवासी महेश पलानी ने कहा कि बिक्री की तरफ कदम बढ़ाने के लिए मैंने थाने में अर्जी सौंपी थी। लेकिन अब उसे वापस लेंगे। संयोग से जिस इलाके में यह कांप्लेक्स स्थित है वह एक कानून के दायरे में आता है। इस कानून के तहत फ्लैट बेचने के लिए हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष से एनओसी और कलेक्टर से अनुमति लेना जरूरी है। यह कानून गुजरात अचल संपत्ति हस्तांतरण निषेध एवं विवादित क्षेत्र में रहने वाले को परिसर बेदखली से संरक्षण (संशोधन) अधिनियम है।

रविवार की बैठक में समर्पण सोसायटी के सदस्यों ने विवादित क्षेत्र अधिनियम का उल्लेख किया। सभी ने कहा कि जिस संपत्ति को बेचने की बात चल रही है, उसके करीबी पड़ोसियों से सहमति लिए बगैर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा हिंदू बहुल क्षेत्र में मुस्लिम को संपत्ति बेचना गलत है।

गौरतलब है कि बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्त हुए डॉ. फिरोज खान को विवादों के बीच महामना के ही परिसर में अध्यापन का एक और अवसर मिलने की संभावना है। फिरोज का नाम चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय के तहत आने वाले संहिता एवं संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर होने वाली नियुक्ति के योग्य दावेदारों की सूची में पहले नंबर पर है।

विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े उच्च अधिकारियों के बीच अब यह चर्चा भी होने लगी है कि मुस्लिम शिक्षक के नाते धर्म विज्ञान संकाय के छात्रों का विरोध झेल रहे फिरोज यदि आयुर्वेद संकाय के संस्कृत विभाग के साक्षात्कार में सफल हो जाते हैं तो इस पूरे मामले में बीच का रास्ता भी निकाला जा सकता है

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