जानें, हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाने के क्या हैं मायने? क्यों माना जा रहा बड़ा दांव

प्रदेश के ओबीसी वोट बैंक पर इस परिवार की जबरदस्‍त पकड मानी जाती है लेकिन कांग्रेस ने भी अब मान लिया है कि गुजरात में पाटीदारों के बिना सत्‍ता तक पहुंचना आसान नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 10:14 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 10:14 PM (IST)
जानें, हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाने के क्या हैं मायने? क्यों माना जा रहा बड़ा दांव
जानें, हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाने के क्या हैं मायने? क्यों माना जा रहा बड़ा दांव

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। विधानसभा की आठ सीटों पर उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बडा दांव खेलते हुए पाटीदार युवा नेता हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया है। हार्दिक गुजरात में पाटीदार समाज का चर्चित चेहरा हैं तथा कांग्रेस उनके जरिए भाजपा के पाटीदार वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास में है। हार्दिक ने कहा है कि गांव गांव जाकर जनता के तथा युवाओं के मुद्दों को उठाएंगे।

गुजरात कांग्रेस में लंबे समय से बडे फेरबदल की संभावनाएं जताई जा रही थी लेकिन उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने हार्दिक को पार्टी का बडा चेहरा बनाकर निश्चित तौर पर एक दांव खेला है। वर्तमान कांग्रेस अध्‍यक्ष अमित चावडा मध्‍य गुजरात से हैं तथा पूर्व सीएम माधवसिंह सोलंकी व पूर्व केंद्रीयमंत्री  भरतसिंह सोलंकी के परिवार से आते हैं। प्रदेश के ओबीसी वोट बैंक पर इस परिवार की जबरदस्‍त पकड मानी जाती है लेकिन कांग्रेस ने भी अब मान लिया है कि गुजरात में पाटीदारों के बिना सत्‍ता तक पहुंचना आसान नहीं है। हालांकि सिद्धार्थ पटेल के अध्‍यक्ष रहते कांग्रेस ने कुंवरजी बावलिया व तुषार चौधरी को कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाकर 2012 के ि‍वधानसभा चुनाव से पहले यह  प्रयोग किया था लेकिन तब उसका कोई खास लाभ कांग्रेस को नहीं हो सका था। गुजरात में युवा राजनीति को आगे कर कांग्रेस ने साफ संकेत दे दिया है कि अब आगामी चुनावों में वो युवाओं को खास तवज्‍जो देने वाली है। कार्यकारी अध्‍यक्षपद पर नियुक्ति केबाद हार्दिक ने कहा है कि गुजरात में सरकारके खिलाफ माहौल है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा गांव प्राथमिक सुविधाओं के अभावसे तथा मध्‍यम वर्ग महंगाई से परेशान है।

2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगवा रहे हार्दिक ने गत विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था, कांग्रेस को सौराष्‍ट्र में इसका खासा लाभ भी हुआ लेकिन सत्‍ता से फिर भी लगभग 20 सीट दूर रह गई थी। लोकसभा चुनाव से पहले वे कांग्रेस में शामिल हुए तथा चुनाव भी लडना चाहते थे लेकिन कानूनी अडचन की वजह से नहीं लड पाऐ थे। कांग्रेस ने साथ ही आणंद में महेंद्रसिंह परमार,सूरत में विधायक आनंद चौधरी तथा द्रवारिका में यासीन गज्‍जन को जिला अध्‍यक्ष भी नियुक्‍त किया है।

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