सच के साथी सीनियर्स: गुजरात के गांधीनगर में वरिष्‍ठ नागरिकों को दी गई फैक्‍ट चेकिंग की ट्रेनिंग

गांधीनगर के बाद सच के साथी सीनियर्स अभियान के तहत 20 मार्च को शाम चार बजे से अहमदबाद के इस्‍कान मंदिर के पास सदविचार परिवार में यह आयोजन किया जाएगा। जबकि 21 मार्च को वडोदरा में यह आयोजन होगा। वडोदरा के श्री जीवन संस्‍था में यह आयोजन सुबह साढ़े दस बजे होगा। इससे पहले भी गुजरात के राजकोट में ऐसा आयोजन हो चुका है।

By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya Publish:Tue, 19 Mar 2024 07:51 PM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2024 07:57 PM (IST)
सच के साथी सीनियर्स: गुजरात के गांधीनगर में वरिष्‍ठ नागरिकों को दी गई फैक्‍ट चेकिंग की ट्रेनिंग
सच के साथी सीनियर्स: गुजरात के गांधीनगर में वरिष्‍ठ नागरिकों को दी गई फैक्‍ट चेकिंग की ट्रेनिंग (Photo Jagran)

जेएनएन, गांधीनगर। इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ भ्रामक व फेक सूचनाओं के प्रसार में तेजी आई है। कई बार यूजर्स अनजाने में तो कई दफे जानबूझकर इन सूचनाओं को आगे बढ़ाने काम करते हैं। इस वजह से निजी व वित्तीय के साथ सामुदायिक और सामाजिक नुकसान भी होता है। इसी तरह की संदिग्ध सूचनाओं और फिशिंग लिंक्स वाले संदेशों से सचेत करने के लिए जागरण न्यूज मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने गुजरात के गांधीनगर में फैक्ट चेक कार्यशाला का आयोजन किया।

डीप फेक से बचाव के उपाय

विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए 'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के तहत 19 मार्च को गुजरात के गांधीनगर के सेक्टर पांच स्थित सीनियर सिटिजन सेवा मंगल में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जागरण न्‍यू मीडिया के एडिटर-इन-चीफ एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजेश उपाध्‍याय ने प्रतिभागियों को 'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान और विश्‍वास न्‍यूज के बारे में विस्‍तार से बताया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को उन्होंने मुख्य तौर पर डिजिटल सेफ्टी के तरीके, डीप फेक से बचाव के उपाय, फैक्ट चेकिंग की बुनियादी जानकारी और वोटर जागरूकता के बारे में प्रशिक्षित किया।

गलत खानपान से शरीर को नुकसान

सूचना की जांच के लिए सोर्स की अहमियत के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आपके लिए अंधेरे में टॉर्च की तरह काम करेगी। सूचना की सत्यता की पुष्टि करने के बाद ही उसे आगे फॉरवर्ड करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह गलत खानपान से शरीर को नुकसान होता है, वैसे ही गलत सूचनाओं से व्‍यक्ति की मानसिक सेहत पर असर होता है और अंतत: इससे समाज को और देश को नुकसान उठाना पड़ सकता है। यदि इस प्रसार को नहीं तोड़ा गया, तो यह नुकसानदेह साबित हो सकती हैं।

फेक सूचनाओं की पहचान

कार्यक्रम में फेक सूचनाओं की पहचान के बुनियादी तौर-तरीकों और ऑनलाइन टूल्स के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वक्‍त से डीपफेक वीडियो और तस्‍वीरों के कारण कुछ लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्‍होंने कई हालिया डीपफेक वीडियो का उदाहरण देते इन्हें पहचानने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि ऐसे वीडियो में लिप सिंक देखकर या शरीर के हावभाव देखकर इनके डीपफेक होने के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। डीपफेक तस्वीरों को पहचानने के लिए कुछ एआई टूल्स मौजूद हैं।

सच और झूठ का अंतर

कार्यक्रम में उन्होंने फेक और भ्रामक सूचनाओं में अंतर और खतरे के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा एक गेम के जरिए मौजूद प्रतिभागियों को सच और झूठ का अंतर समझाया। अंत में उन्होंने जागरूक मतदाता बनने के लिए लोगों को प्रेरित किया। आयोजन के दौरान गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया और डिप्टी एडिटर राजेंद्र सिंह परमार भी मौजूद रहे।

20 को अहमदाबाद और 21 को वडोदरा में कार्यक्रम

गांधीनगर के बाद 'सच के साथी सीनियर्स' अभियान के तहत 20 मार्च को शाम चार बजे से अहमदबाद के इस्‍कान मंदिर के पास सदविचार परिवार में यह आयोजन किया जाएगा। जबकि 21 मार्च को वडोदरा में यह आयोजन होगा। वडोदरा के श्री जीवन संस्‍था में यह आयोजन सुबह साढ़े दस बजे होगा।

गुजरात में पहले भी हो चुका है ऐसा आयोजन

इससे पहले भी गुजरात के राजकोट में ऐसा आयोजन हो चुका है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और बिहार के अलग-अलग शहरों में भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) के सहयोग से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।

अभियान के बारे में

'सच के साथी सीनियर्स' भारत में तेजी से बढ़ रही फेक और भ्रामक सूचनाओं के मुद्दे को उठाने वाला मीडिया साक्षरता अभियान है। कार्यक्रम का उद्देश्य 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की श्रृंखला के माध्यम से स्रोतों का विश्लेषण करने, विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच अंतर करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को तार्किक निर्णय लेने में मदद करना है। इसमें रजिस्ट्रेशन करने के लिए www.vishvasnews.com/sach-ke-sathi-seniors/ पर क्लिक करें।

chat bot
आपका साथी