Gujarat: पीएम मोदी 15 दिसंबर को गुजरात में एनर्जी पार्क व डिसेलीनेशन प्‍लांट का करेंगे शिलान्‍यास

Gujarat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 दिसंबर को एनर्जी पार्क व मांडवी में डिसेलीनेशन प्‍लांट का शिलान्‍यास करने गुजरात आएंगे। मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी गांधीनगर महात्‍मा मंदिर पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि कच्‍छ के सीमावर्ती इलाके में सौलार व विंड एनर्जी का दुनिया का सबसे बड़ा एनर्जी पार्क बनेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 07:11 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 09:24 PM (IST)
Gujarat: पीएम मोदी 15 दिसंबर को गुजरात में एनर्जी पार्क व डिसेलीनेशन प्‍लांट का करेंगे शिलान्‍यास
पीएम मोदी 15 दिसंबर को गुजरात में एनर्जी पार्क व डिसेलीनेशन प्‍लांट का करेंगे शिलान्‍यास। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: गुजरात के कच्‍छ में दुनिया का सबसे बड़ा 30 हजार मेगावाट का रिन्‍युएबल एनर्जी पार्क बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 दिसंबर को एनर्जी पार्क व मांडवी में डिसेलीनेशन प्‍लांट का शिलान्‍यास करने गुजरात आएंगे। मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी गांधीनगर महात्‍मा मंदिर पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि कच्‍छ के सीमावर्ती इलाके में सौलार व विंड एनर्जी का दुनिया का सबसे बड़ा एनर्जी पार्क बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसका शिलान्‍यास करने 15 दिसंबर को गुजरात के कच्‍छ आएंगे। रूपाणी ने बताया कि डिसेलीनेशन प्‍लांट से किसान, कच्‍छ की जनता व उद्योगों को पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा। उन्‍होंने बताया कि गुजरात में रो-रो फेरी, सी प्‍लेन, रोपेक्ष फेरी, केवड़िया नर्मदा में कई प्रोजेक्‍ट, गिरनार का रोप वे सहित विकास की कई योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। अब दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी के बाद विश्‍व का सबसे बड़ा एनर्जी पार्क भी गुजरात में होगा। गौरतलब है कि गुजरात में मुख्‍यमंत्री रहते पीएम नरेंद्र मोदी ने सीमावर्ती साबरकांठा के चारणका में एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क का निर्माण कराया था। 

गुजरात का कच्छ पाकिस्तान से सटे होने के कारण काफी महत्व रखता है। कच्छ आमतौर पर रण की वजह से जाना जाता था, लेकिन मोदी ने यहां रण उत्सव की शुरुआत कर कच्छ को एक बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील कर दिया। भौगोलिक विपरीत परिस्थिति के कारण कच्छ विकास से अछूता रहा, लेकिन जनवरी 2001 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद कच्छ मैं तेजी से विकास हुआ। कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े एनर्जी पार्क के निर्माण से यहां विकास की संभावनाओं को बल मिलेगा। औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए जहां काफी जमीन की जरूरत होती है, वही पानी व बिजली की भी उतनी ही जरूरत होती है। जमीन की कच्छ में कोई कमी नहीं है, कच्छ भौगोलिक रूप से गुजरात का सबसे बड़ा जिला है। साथ ही, यहां डी सलीनेशन प्लांट व एशिया के सबसे बड़े एनर्जी पार्क की स्थापना के बाद औद्योगिक इकाइयों को यहां लाना और आसान हो जाएगा। इसके अलावा कच्छ का विकास रक्षा विषय के लिए भी काफी महत्व का है। यहां विकास से सीमावर्ती घुसपैठ तस्करी व आतंकी घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।

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