Kesar Mango Day: पहली बार मनाया गया 'मैंगो डे', गिर सोमनाथ के केसर आम को साल 2011 में मिला था GI टैग

सभी फलों में आम एक बहुत ही खास फल है। इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। दुनिया भर में आम की कई किस्में हैं लेकिन अगर इसमें गुजरात के सौराष्ट्र की गौरवपूर्ण विविधता है तो यह केसर है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 26 May 2023 12:28 AM (IST) Updated:Fri, 26 May 2023 12:28 AM (IST)
Kesar Mango Day: पहली बार मनाया गया 'मैंगो डे', गिर सोमनाथ के केसर आम को साल 2011 में मिला था GI टैग
Kesar Mango Day: पहली बार मनाया गया 'मैंगो डे'

अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। आपको जानकर हैरानी होगी कि फलों का राजा और आमों की रानी केसर का गुरुवार को जन्मदिन मनाया गया। गुरुवार को पहली बार मैंगो डे मनाने का निर्णय लिया गया। इस आम को पहले सालेभाई की अम्बादी के नाम से जाना जाता था। बाद में, जूनागढ़ के नवाब द्वारा 25-5-1934 को केसर आम नाम दिया गया। जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय द्वारा इस दिन को केसर आम के रूप में मनाया गया।

क्यों खास है केसर आम?

सभी फलों में आम एक बहुत ही खास फल है। इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। दुनिया भर में आम की कई किस्में हैं, लेकिन अगर इसमें गुजरात के सौराष्ट्र की गौरवपूर्ण विविधता है, तो यह 'केसर' है। इसके रूप, रंग और स्वाद के कारण इसे आमों की रानी का उपनाम दिया गया है। इस किस्म को जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जीआई टैग दिया गया है।

आम की रानी केसर पर कार्यशाला का आयोजन

जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉक्टर वीपी चौवाटिया की अध्यक्षता में सक्करबाग फार्म फल विज्ञान विभाग बगायत महाविद्यालय में 'आम की रानी केसर' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। तलाला विधायक भगवानजी बराड़ मौजूद रहे। कार्यशाला में केसर आम की खेती और व्यवसाय से जुड़े लोग उपस्थित थे और उन्हें उपयोगी जानकारी दी गई, जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि होगी।

पूरे कार्यक्रम का आयोजन उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. डीके भेड़िये द्वारा किया गया। गिर केसर आम भारत के गिर क्षेत्र में उगाए जाने वाले आम का एक प्रकार है। आम अपने चमकीले नारंगी रंग के लिए जाना जाता है और इसे 2011 में जीआई टैग दिया गया है।

वर्ष 1931 में पहली बार हुई थी खेती

जूनागढ़ के वजीर सालेभाई ने 1931 में वेठली में पहली बार इस आम की खेती की थी। गिरनार की तलहटी में जूनागढ़ के लाल धोरी फार्म में लगभग 75 पेड़ लगाए गए थे। 1934 में इसको केसर के नाम से जाना जाने लगा। जूनागढ़ के नवाब मोहम्मद महाबतखान बाबी ने आम के केसरिया रंग को देखकर कहा, यह केसरिया है।

सौराष्ट्र क्षेत्र के जूनागढ़, गिर-सोमनाथ और अमरेली जिलों में लगभग 29,805 हेक्टेयर भूमि में केसर आम हैं। इससे सालाना करीब 2 लाख टन का उत्पादन होता है। हालांकि, केवल गिर अभयारण्य के आसपास के क्षेत्रों में उगाए जाने वाले आमों को गिर केसर आम कहा जाता है। यह आम आमतौर पर अप्रैल के महीने में मिलता है, जबकि यह मानसून के बाद अक्टूबर के महीने में बढ़ने लगता है।

आम को 2011 में मिला था जीआई टैग

गिर केसर आम को जीआई टैग देने का प्रस्ताव रखा गया। इसके लिए 2010 में कृषि विश्वविद्यालय, जूनागढ़ द्वारा एक आवेदन किया गया था और 2011 में आवेदन को मंजूरी दी गई थी। इसलिए अब इस क्षेत्र में उगाए जाने वाले आम को गिर केसर आम के नाम से जाना जाएगा।

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