Hathras Case: चारों आरोपिया का होगा नारको, पॉलीग्राफ़ व ब्रेन मेपिंग टेस्ट, CBI लेकर पहुंची गांधीनगर

Hathras Case हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले के चारों आरोपियों को पुलिस रविवार को ही साबरमती मध्यस्थ जेल अहमदाबाद लेकर पहुंच गई थी। यहां इनका नारको टेस्ट (Narco Test) ब्रेन मेपिंग (Brain Maping Test) तथा पॉलीग्राफ़ टेस्ट (Polygraph Test) किया जाएगा।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 12:06 PM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 12:30 PM (IST)
Hathras Case: चारों आरोपिया का होगा नारको, पॉलीग्राफ़ व ब्रेन मेपिंग टेस्ट, CBI लेकर पहुंची गांधीनगर
हाथरस सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपियों का नारको, पॉलीग्राफ़ व ब्रेन मेपिंग टेस्ट होगा

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ जेल से केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम हाथरस सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपियों को गांधीनगर एफएसएल लेकर पहुंच गई है। इनका ब्रेन मेपिंग व पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा। देश में सनसनी मचा देने वाले हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले के चारों आरोपियों को पुलिस रविवार को ही साबरमती मध्यस्थ जेल अहमदाबाद लेकर पहुंच गई थी।  

 उत्तर प्रदेश पुलिस तथा गुजरात पुलिस के सुरक्षा घेरे में इन चारों आरोपियों को गांधीनगर एफएसएल फॉरेंसिक साइंस लैब ले जाया गया। यहां इनका नारको टेस्ट, ब्रेन मेपिंग तथा पॉलीग्राफ़ टेस्ट किया जाएगा। हालांकि पुलिस व प्रशासन फिलहाल इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रहा है लेकिन है फसल में वैज्ञानिक व तकनीकी रूप से इनका नारको वह ब्रेन मेपिंग के साथ नारको टेस्ट होगा जिससे घटनाक्रम की तथ्यात्मक जानकारी हासिल की जा सकेगी।

 इस सामूहिक दुष्कर्म को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुरुआती जांच में कुछ और बातें कहीं लेकिन जब पीड़िता का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया तथा देश भर में यह मुद्दा राजनीतिक बन गया तब जाकर पुलिस हरकत में आई तथा दोषियों पर सख्ती बरती। घटना को लेकर देश की जनता में खूब बहस हुई जिसमें जहां कुछ लोग महिलाओं की सुरक्षा तथा उनके खिलाफ होने वाले यौन अपराधों को लेकर चिंता जता रहे थे वही कुछ लोग ऐसे भी थे जो इसे महज एक प्रेम संबंध बताकर पूरे घटनाक्रम को ही एक राजनीतिक साजिश करार दे रहे थे। निश्चित तौर पर एफएसएल गांधीनगर की जांच से सीबीआ घटनाक्रम की जड़ तक पहुंच पाएगी।

हाथरस दुष्‍कर्म  मामला

14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद 29 सितंबर को पीड़िता की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इसके बाद सियासत तेज हो गई थी और योगी सरकार पर निशाना साधा गया था।

इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया था जब जिला प्रशासन और पुलिस ने जबरन पीड़िता का शव जला दिया था। इस घटना की जांच के बाद  एसआईटी गठित की गयी, इसके बाद सीबीआइ और ईडी की एंट्री हुई। वहीं  सीबीआई और ईडी मामले की जांच में जुटी हुई है। 

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