Gujarat: मंत्री के आग्रह पर महिला सरपंच ने घूंघट करना छोड़ा

Gujarat राजपूत समुदाय की मीनाबा जाला रणतेज गांव में वघानी के सम्मान में भेंट करने के लिए मंच पर आईं तो मंत्री ने देखा कि उन्होंने अपना पूरा चेहरा अपनी साड़ी से ढक लिया था। वघानी ने मीनाबा से सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान इस परंपरा को छोड़ने का आग्रह किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 24 Jun 2022 07:33 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jun 2022 07:33 PM (IST)
Gujarat: मंत्री के आग्रह पर महिला सरपंच ने घूंघट करना छोड़ा
गुजरात के मंत्री के आग्रह पर महिला सरपंच ने घूंघट करना छोड़ा। फाइल फोटो

अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात के मेहसाणा जिले के रणतेज गांव में महिलाओं को घूंघट परंपरा से बाहर आने के लिए राज्य के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने अनूठी पहल की। दरअसल, रणतेज गांव में मंत्री वघानी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान गांव की पहली महिला सरपंच से मंच पर उन्होंने परंपरा के तौर पर घूंघट को हटाने की बात कही। जिसे सुनकर वहां मौजूद कई ग्रामीण आश्चर्य में पड़ गए।

राजपूत समुदाय की 35 वर्षीय मीनाबा जाला गुरुवार को रणतेज गांव में वघानी के सम्मान में भेंट करने के लिए मंच पर आईं, तो मंत्री ने देखा कि उन्होंने अपना पूरा चेहरा अपनी साड़ी से ढक लिया था। वघानी ने मीनाबा से सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान इस परंपरा को छोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कम से कम सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपना चेहरा नहीं ढंकना चाहिए। यह सिर्फ मेरा अनुरोध है और यह तय करना बड़ों पर निर्भर है।

जब एक व्यक्ति ने कहा कि राजपूत महिलाएं पर्दे के पीछे रहती हैं, तो मंत्री ने कहा कि यह किसी जाति के बारे में नहीं है और वह इस परंपरा के खिलाफ नहीं हैं। मैं इस परंपरा के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन हम सभी को बदलते समय के अनुकूल होने की जरूरत है। अपनी महिलाओं को इस परंपरा से बाहर लाओ।

इस मौके पर वघानी के सुझाव से सहमत होकर राजपूत समुदाय की बुजुर्ग गौभा जाला ने महिला सरपंच को घूंघट हटाने की अनुमति दी। रणतेज की पहली महिला सरपंच मीनाबा ने कहा कि मंत्री को आश्वासन दिया गया था कि गांव की राजपूत महिलाएं सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा नहीं ढकेंगी और घर पर ही घूंघट करेंगी।

गौरतलब है कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश महिलाएं अभी भी घूंघट करती हैं, ताकि कोई उन्हें देख सके। शहरों में घूंघट निकाले की परंपरा लगभग खत्म हो चुकी है। गुजरात के इस मंत्री का आग्रह उचित है।

chat bot
आपका साथी