Gujarat: भाजपा विधायक बोले, बिलकिस बानो मामले के कुछ दोषी 'ब्राह्मण व अच्छे संस्कार वाले'

Gujarat भाजपा विधायक सीके राउलजी ने कहा है कि बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषी जेल में 15 साल बिता चुके हैं इनमें कुछ ब्राह्मण हैं जिनके संस्कार अच्छे हैं। राउलजी इस मामले में दोषियों को रिहा करने का फैसला करने वाली जेल सलाहकार समिति के सदस्य हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 19 Aug 2022 05:06 PM (IST) Updated:Fri, 19 Aug 2022 05:06 PM (IST)
Gujarat: भाजपा विधायक बोले, बिलकिस बानो मामले के कुछ दोषी 'ब्राह्मण व अच्छे संस्कार वाले'
गुजरात में भाजपा विधायक बोले, बिलकिस बानो के कुछ दोषी ब्राह्मण व अच्छे संस्कार वाले। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat News: गुजरात में गोधरा के भाजपा विधायक सीके राउलजी (CK Raulji) ने कहा कि बिलकिस बानो (Bilkis Bano) से सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषी जेल में 15 साल बिता चुके हैं, इनमें कुछ ब्राह्मण हैं, जिनके संस्कार अच्छे हैं। विधायल राउलजी बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों को रिहा करने का फैसला करने वाली जेल सलाहकार समिति के सदस्य हैं।

बिलकिस बानो मामले में सुनाई गई थी सजा

मुंबई (Mumbai) की विशेष सीबीआइ अदालत ने जनवरी, 2008 में 11 लोगों को बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म व सात परिजनों की हत्या के मामले में आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। 15 साल की सजा पूरी होने के बाद गत दिनों कैदी राधेश्याम शाह ने उच्चतम न्यायालय में जेल से मुक्ति की गुहार लगाई थी। अदालत ने इस संबंध में फैसला करने के लिए राज्य सरकार को मामला सौंप दिया था। सरकार ने जेल सलाहकार समिति इस पर विचार करने को भेजा था, जिसने गत दिनों सभी 11 कैदियों को रिहा करने का निर्णय किया था। गोधरा से भाजपा विधायक सीके राउलजी समेत पंचमहाल कलक्टर सुजल मयात्रा, जिला सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जेल उपाधीक्षक इस समिति में सदस्य हैं।

कैदियों की रिहाई पर विधायक ने की टिप्पणी

विधायक राउलजी ने कैदियों की रिहाई पर कहा कि इन्होंने करीब 15 साल की सजा पूरी कर ली है। इनमें कुछ दोषी ब्राह्मण हैं, जिनके संस्कार अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि हमने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर काम किया है, हमने जेल अधिकारियों से इनके आचरण के बारे में पता किया। सजा के दौरान आचरण ठीक होने व कुछ कैदी ब्राह्मण व अच्छे संस्कार वाले होने के कारण उन्हें मुक्त करने का फैसला किया। उनका यह भी कहना है कि दंगों में कई बार ऐसा होता है कि जो निर्दोष होता है वह फंस जाता है, ऐसा हो सकता है कि उनके साथ दुश्मनी के चलते उनहें फंसाया गया हो।

14 साल से अधिक सजा काट चुके हैं 11 दोषी

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजकुमार ने कहा 11 दोषियों ने 14 साल से अधिक की सजा काट ली है। कानून के अनुसार, आजीवन कारावास का मतलब न्यूनतम 14 साल की अवधि है, जिसके बाद दोषी को छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। पात्रता के आधार पर जेल सलाहकार समिति के साथ-साथ जिला कानूनी अधिकारियों की सिफारिश के बाद कैदियों को छूट दी जाती है। ऐसे मामलों में कैदियों का जेल में व्यवहार, उनकी उम्र, अपराध की प्रकृति को देखा जाता है। अदालत ने कैदी राधेश्याम शाह की याचिका को ध्यान में रखते हुए समय से पहले रिहाई पर विचार के लिए राज्य सरकार को मामला सौंपा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने कुछ महीने पहले गोधरा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। नौ जुलाई, 1992 की कैद माफी की नीति के तहत इस समिति ने सभी 11 कैदियों को मुक्त करने का निर्णय किया।

जानें, क्या है मामला

गोधरा कांड के बाद गुजरात में तीन मार्च, 2002 को हुए दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला किया था। बिलकिस उस समय पांच महीने की गर्भवती थीं। उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। वर्ष 2019 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश दीपक गुप्ता व न्यायाधीश संजीव खन्ना की खंडपीठ ने बिल्किस को 50 लाख रुपये का मुआवजा, सरकारी नौकरी तथा 2002 से खानाबदोश जीवन बिता रहे परिवार को एक आवास उपलब्ध कराने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे।

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