भाजपा विरोधी प्रचार का शिकार न बनें गुजरात के युवा

भाजपा अध्यक्ष रविवार को 'युवा टाउनहॉलÓ कार्यक्रम में राज्य के करीब एक लाख युवाओं से मुखातिब थे।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 11 Sep 2017 12:56 PM (IST) Updated:Mon, 11 Sep 2017 12:56 PM (IST)
भाजपा विरोधी प्रचार का शिकार न बनें गुजरात के युवा
भाजपा विरोधी प्रचार का शिकार न बनें गुजरात के युवा

अहमदाबाद, प्रेट्र। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को गुजरात के युवाओं से अपील की किवे भाजपा विरोधी प्रचार का शिकार न बनें। उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है जब भाजपा शासन वाले विकास के गुजरात मॉडल की आलोचना संबंधी संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। शाह ने दावा किया कि यह प्रचार कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है।

भाजपा अध्यक्ष रविवार को 'युवा टाउनहॉलÓ कार्यक्रम में राज्य के करीब एक लाख युवाओं से मुखातिब थे। ये युवा 312 विभिन्न स्थानों पर इस कार्यक्रम को सजीव देख रहे थे, जबकि कुछ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अमित शाह से सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा, 'मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे वाट्सएप और फेसबुक पर फैलाए जा रहे भाजपा विरोधी प्रचार पर आंख बंद करके विश्वास न करें। कोई फैसला करने से पहले आपको इस बात का विश्लेषण कर लेना चाहिए कि भाजपा के सत्ता में आने से पहले गुजरात क्या था और अब क्या स्थिति है।Ó गुजरात में भाजपा की उपलब्धियों के बारे में शाह ने कृषि क्षेत्र, प्रति व्यक्ति आय, राज्य बजट के आकार और विश्वविद्यालयों की संख्या आदि में वृद्धि संबंधी कई आंकड़े साझा किए।

उन्होंने कहा कि इन्हें भाजपा की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। शाह ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में राज्य में 10 से 15 घंटे बिजली कटौती आम थी, लेकिन आज 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। पहले गुजरात की प्रति व्यक्ति आय 13,665 रुपये थी, अब यह 1.41 लाख रुपये है। रोजगार को लेकर अमित शाह ने कहा, सिर्फ नौकरियां ही रोजगार नहीं होतीं; स्वरोजगार, स्टार्टअप और छोटा व्यापार भी रोजगार हैं इसलिए रोजगार सृजन की गणना के तरीके में बदलाव होना चाहिए। जीएसटी पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार व्यापारियों की मुश्किलों से वाकिफ है और इसे ज्यादा व्यापारी हितैषी बनाने का प्रयास कर रही है।

नोटबंदी पर शाह ने कहा कि इसका मकसद करदाताओं की संख्या बढ़ाना था और ऐसा हुआ भी है। पहले 3.6 करोड़ लोग आयकर देते थे और अब यह संख्या 6.3 करोड़ हो चुकी है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति को महसूस न करें क्योंकि अब वह

राज्य के विकास के लिए मुख्यमंत्री से ज्यादा सशक्त स्थिति में हैं। पटेल आरक्षण आंदोलन को लेकर शाह ने कहा कि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसने राजनीतिक रंग ले लिया है और इसके आयोजकों का झुकाव एक राजनीतिक दल की तरफ हो गया है। साफ तौर पर उनका इशारा कांग्रेस की तरफ था।

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