विजय रूपाणी और भरत सिंह सोलंकी में जुबानी जंग तेज

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी व कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 28 Aug 2017 11:23 AM (IST) Updated:Mon, 28 Aug 2017 11:31 AM (IST)
विजय रूपाणी और भरत सिंह सोलंकी में जुबानी जंग तेज
विजय रूपाणी और भरत सिंह सोलंकी में जुबानी जंग तेज

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी व कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। रूपाणी ने जहां कांग्रेस में 4 कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने पर चुटकी ली तो सोलंकी ने रूपाणी को रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री बताया। राज्यसभा चुनाव से ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री रूपाणी अपनी पार्टी फोरम तथा सरकारी समारोहों में कांग्रेस को जमकर आडे़ हाथ ले रहे हैं।

कांग्रेस के 14 विधायकों के पार्टी छोड़ने तथा राज्यसभा चुनाव में भाजपा के बलवंत सिंह राजपूत के बाद रूपाणी और हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस आलाकमान की ओर से गुजरात में 4 कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने पर रूपाणी ने कहा कि कांग्रेस को अपने ही प्रदेश अध्यक्ष पर भरोसा नहीं रहा है। उनकी कार्यशैली से नाराज विधायक कभी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं तो कभी चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर रहे हैं। रूपाणी ने सोलंकी का नाकाम अध्यक्ष बताते हुए कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस की नैया डूबने वाली है। इसीलिए कांग्रेस विधायक व नेता पार्टी छोड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री के हमले के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष सोलंकी ने कहा है कि रूपाणी रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री हैं, उनके नेतृत्व में भाजपा सरकार दिनोंदिन जनता का विश्वास खो रही है इसलिए हर माह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अहमदाबाद दौड़ कर आते हैं। सोलंकी ने कहा कि रूपाणी को कांग्रेस पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा में वरिष्ठ नेता किस हालत में हैं तथा पूर्व मुख्यमंत्री को किस तरह से हटाया गया जनता को पता है। भाजपा को अपनी सत्ता जाती नजर आ रही है इसलिए वे बार-बार कांग्रेस पर आरोप लगाते हैं।

भाजपा प्रवक्ता भरत पंडया ने कहा है कि मुख्यमंत्री को लेकर दिया गया सोलंकी का बयान शर्मनाक है। अहम व अविवेकी व्यवहार के कारण ही कांग्रेस टूट रही है। राज्य में एक चौथाई कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं तथा प्रदेश अध्यक्ष की नाकामी के चलते ही आलाकमान को 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पड़े हैं। इसके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष जनता को गुमराह करने के लिए विचित्र तरीके के बयान दे रहे हैं।  

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