कैग ने गुजरात सरकार पर पानी की तरह पैसा बहाने का आरोप लगाया

कैग ने गुजरात सरकार पर नर्मदा, कल्पसर, जलसंपत्ति व जलापूर्ति योजनाओं केनाम पर पैसा पानी की तरह बहाने का आरोप लगाया है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Thu, 29 Mar 2018 12:22 PM (IST) Updated:Thu, 29 Mar 2018 12:22 PM (IST)
कैग ने गुजरात सरकार पर पानी की तरह पैसा बहाने का आरोप लगाया
कैग ने गुजरात सरकार पर पानी की तरह पैसा बहाने का आरोप लगाया

गांधीनगर, जेएनएन। नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) ने घाटे में चल रही गुजरात सरकार की सार्वजनिक इकाइयों को लेकर सरकार की आलोचना की है। कैग ने सरकार पर पैसा पानी की तरह बहाने का भी आरोप लगाया है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बुधवार को विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पेश की।

उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री पटेल ने सदन को बताया कि राज्य सरकार के अधीन चल रही 54 सार्वजनिक इकाइयों ने जहां 3647 करोड का मुनाफा कमाया, वहीं 14 पीएसयू ने 18 हजार 142 करोड का नुकसान किया। सरकार ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में सरकार की राजस्व विकास दर में कमी आई है। कैग ने राज्य सरकार पर नर्मदा, कल्पसर, जलसंपत्ति व जलापूर्ति योजनाओं केनाम पर पैसा पानी की तरह बहाने का आरोप लगाया है। कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने बिना किसी योजना के इन कामों पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

कैग ने अदाणी पावर लिमिटेड पर वन व पर्यावरण कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है, सरकार से अदाणी पावर को पावर लाइन डालने की मंजूरी मिलने के कुछ माह पूर्व ही उन्होंने काम शुरू कर दिया। सीएजी न अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एपीएल ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और वन (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है जबकि मुंडा-दाहेगाम ट्रांसमिशन लाइन की स्थापना से अल्ट्रा- मुंद्रा में मेगा पावर प्रोजेक्ट (यूएमपीपी), कच्छ मुंद्रा-देहगाम खंड एक 430 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन है - अदाणी पावर की ओर से यह देश की पहली हाई पावर लाइन है।

सीएजी के मुताबिक, एपीएल को वन संरक्षण अधिनियम 1 9 80 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1 9 72 के तहत ध्रांगध्रा में 59 हेक्टेयर (18.20 हेक्टेयर वन भूमि और 40.768 हेक्टेयर गैर-वन) के जंगली गधा अभयारण्य (डब्ल्यूएएस)में भूमि की जरूरत थी, इसके लिए जनवरी 2009 में आवेदन किया था। हालांकि, मार्च 200 9 में अनुमति मिलने से पहले, यह क्षेत्र के निरीक्षणों के दौरान पाया गया था कि एपीएल ट्रांसमिशन लाइन बिछाने शुरू कर दिया था। अदाणी पावर ने आवश्यक शर्त व मंजूरी बिना ही इस क्षेत्र में हाई पावर बिजली सप्लाई शुरु कर दी थी। कैग ने मई 2015 में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।  

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