बिलकिस बानो मामले के जांचकर्ता की दोषसिद्धि पर रोक से इन्कार

शीर्ष अदालत ने भगोरा की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 31 May 2017 12:16 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jun 2017 08:59 AM (IST)
बिलकिस बानो मामले के जांचकर्ता की दोषसिद्धि पर रोक से इन्कार
बिलकिस बानो मामले के जांचकर्ता की दोषसिद्धि पर रोक से इन्कार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गुजरात दंगों से जुड़े बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में खराब जांच के दोषी ठहराए गए गुजरात के आइपीएस अधिकारी आरएस भगोरा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। शीर्ष अदालत ने भगोरा की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। मामले को आवश्यक न मानते हुए अदालत ने अंतरिम आदेश नहीं दिया। याचिका पर जुलाई के दूसरे सप्ताह में सुनवाई होगी।

भगोरा ने बांबे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। बांबे हाई कोर्ट ने चार मई को भगोरा सहित छह पुलिसकर्मियों और डाक्टरों को कर्तव्य में लापरवाही और साक्ष्य नष्ट करने का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने भगोरा की जेल की सजा को काटी जा चुकी कैद तक ही सीमित कर दिया था। हालांकि निचली अदालत ने भगोरा को बरी कर दिया था। 

मंगलवार को भगोरा के वकील ने जस्टिस एके सीकरी व जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए शीघ्र सुनवाई की मांग की। भगोरा की दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध करते हुए वकील ने कहा कि अगर अदालत ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई तो सेवा नियमों के अनुसार उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। लेकिन पीठ ने अंतरिम रोक लगाने से इन्कार करते हुए कहा कि उसे इसका कोई कारण नजर नहीं आता है। वैसे भी वे जेल से बाहर हैं इसलिए याचिका पर तत्काल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें सिर्फ 15000 रुपये जुर्माना भरना है भर दें। मामले पर जुलाई के दूसरे सप्ताह में सुनवाई की जाएगी।

यह मामला गुजरात में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ा है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, तीन मार्च 2002 को अहमदाबाद के पास रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के घर पर भीड़ ने हमला किया था। इस हमले में बिलकिस के घर के छह लोग मारे गए, जबकि पांच माह की गर्भवती बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। बिलकिस की ओर से गुजरात में मामले के प्रभावित होने की आशंका जताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2004 में उसे गुजरात से मुंबई स्थानांतरित कर दिया था। 

फैसला

-गुजरात के आइपीएस आरएस भगोरा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं।

-बांबे हाई कोर्ट ने उन्हें मामले की खराब जांच का दोषी ठहराया है।

यह भी पढ़ें: शाह आज भाजपा की विस्तारक योजना का आरंभ करेंगे

chat bot
आपका साथी