Gujarat: राज्यसभा की दो सीटों पर टिकीं सबकी निगाहें, अहमद पटेल व अभय भारद्वाज के निधन से हुईं रिक्त
Gujarat बीते दो राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे तथा कांग्रेस विधायकों के बेंगलुरू व जयपुर के रिसोर्ट में जाने को लेकर खूब-टीका टिप्पणी हुई थी। अब इंताजर यह भी है कि दोनों सीट का चुनाव एक साथ होता है या अलग अलग।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। Gujarat: गुजरात से राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल तथा अभय भारद्वाज के निधन के चलते एक बार फिर सबकी निगाहें राज्यसभा चुनाव पर टिक गई हैं। बीते दो राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे तथा कांग्रेस विधायकों के बेंगलुरू व जयपुर के रिसोर्ट में जाने को लेकर खूब-टीका टिप्पणी हुई थी। अब इंताजर यह भी है कि दोनों सीट का चुनाव एक साथ होता है या अलग अलग। गुजरात में पिछले दो राज्यसभा चुनाव काफी ऊहापोह भरे रहे हैं, कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे तथा भाजपा की ओर से एक अतिरिक्त प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया था। अगस्त, 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल महज 46 प्रतिशत मत से जीतने में कामयाब रहे, उसका एक प्रमुख कारण यह रहा कि कांग्रेस विधायक राघव पटेल ने भाजपा के पक्ष में जो क्रॉस वोट किया था, वह रद हो गया था।
फलस्वरूप बलवंत सिंह राजपुत चुनाव हार गए, लेकिन अहमद भाई के निधन से सीट खाली होने पर राजपूत को फिर राज्यसभा चुनाव का मौका मिल सकता है। इसके बाद 2019 में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस्तीफे के चलते खाली हुईं दो सीटों पर चुनाव हुए, लेकिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराए जाने से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा ठाकोर समाज के नेता जुगलजी ठाकोर आसानी से चुनाव जीत गए। हालांकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी गौरव पंड्या ने इस चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे रखी है, जिस पर फैसला आना बाकी है।
राज्यसभा की दो सीट खाली होने से भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं में सांसद बनने की उम्मीद जगी है, लेकिन दो सीटों में से एक सीट पर कांग्रेस का चुनाव जीतना तभी संभव है, जब दोनों सीटों के चुनाव साथ हों। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो राज्यसभा के दोनों सदस्यों का निधन एक ही सप्ताह में हुआ है तथा गत चुनाव का मामला भी अदालत में लंबित है, इसलिए इस बार दोनों सीटों का चुनाव एक साथ ही होगा तथा दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक इसकी घोषणा संभव है।