गुजरात के कलोल सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं के मामले में सभी 26 आरोपित बरी, आरोपितों के खिलाफ नहीं मिले साक्ष्य

गुजरात की कोर्ट ने कलोल में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म और कई लोगों की हत्या के मामले में साक्ष्यों के अभाव में सभी 26 आरोपितों को बरी कर दिया। कुल 39 आरोपितों में से 13 की मामले के लंबित रहने के दौरान ही मृत्यु हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 02 Apr 2023 05:00 AM (IST) Updated:Sun, 02 Apr 2023 05:00 AM (IST)
गुजरात के कलोल सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं के मामले में सभी 26 आरोपित बरी, आरोपितों के खिलाफ नहीं मिले साक्ष्य
गुजरात के कलोल सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं के मामले में सभी 26 आरोपित बरी।

गोधरा, पीटीआई। गुजरात की एक कोर्ट ने कलोल में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म और कई लोगों की हत्या के मामले में साक्ष्यों के अभाव में सभी 26 आरोपितों को बरी कर दिया। कुल 39 आरोपितों में से 13 की मामले के लंबित रहने के दौरान ही मृत्यु हो गई। उनके खिलाफ मुकदमा समाप्त कर दिया गया।

पंचमहल जिले के हलोल के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लीलाभाई चुडासमा के कोर्ट ने शुक्रवार को साक्ष्यों के अभाव में हत्या, सामूहिक दुष्कर्म और दंगा करने के अपराध में 26 लोगों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान विरोधाभासी थे।

बता दें कि 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती ट्रेन जलाने की घटना के बाद बंद के दौरान एक मार्च, 2002 को भड़के सांप्रदायिक दंगों ने उग्र रूप धारण कर लिया था। गांधीनगर जिले के कलोल में भीड़ ने दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और उनमें आग लगा दी थी। कई लोगों को मार डाला गया।

एक अन्य घटना में डेलोल गांव से कलोल की ओर आ रहे 38 लोगों पर हमला किया गया और उनमें से 11 को जिंदा जला दिया गया। एक महिला के साथ उस समय सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जब वह भीड़ से स्वयं को बचाने के लिए अन्य लोगों के साथ भागने की कोशिश कर रही थी। आरोपितों के खिलाफ दो मार्च 2002 को कलोल पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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