Gujarat: 65 हजार शिक्षकों को मिलेगा 4200 का पे ग्रेड, सरकार ने विवादास्पद परिपत्र किया रद
Gujarat उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से 25 जून 2019 को जारी शिक्षक पे ग्रेड संबंधी परिपत्र को अब पूरी तरह रद कर दिया गया। शिक्षकों के विरोध व आंदोलन के चलते जुलाई 2020 में सरकार ने इस परिपत्र के अमल पर रोक लगाई थी।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: शिक्षकों के वेतन से संबंधित एक विवादास्पद परिपत्र को गुजरात सरकार ने बुधवार को खुद रद करने की घोषणा कर दी। 2010 के बाद नियुक्त किए गए हजारों शिक्षक इसके खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से 25 जून, 2019 को जारी शिक्षक पे ग्रेड संबंधी परिपत्र को अब पूरी तरह रद कर दिया गया है। शिक्षकों के विरोध तथा आंदोलन के चलते जुलाई, 2020 में सरकार ने इस परिपत्र के अमल पर रोक लगाई थी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, शिक्षामंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा तथा वित्त, सामान्य प्रशासन तथा शिक्षा विभाग के सचिवों के साथ एक बैठक के बाद यह फैसला किया।
गुजरात में शिक्षकों को प्रारंभिक नौ वर्ष तक 4200 रुपये की ग्रेड मिलती है, लेकिन इस परिपत्र में 2010 के बाद नियुक्त किए गए शिक्षकों का पे ग्रेड 2400 रुपये कर दिया गया था। सरकार ने इसके अलावा प्राथमिक, सेकेंडरी व उच्च माध्यमिक के शिक्षकों को नौ वर्ष, 20 वर्ष तथा 31 वर्ष के शैक्षणिक के बाद वेतन बढ़ोतरी का लाभ देने की घोषणा की है। करीब डेढ़ लाख शिक्षक सरकार के इस परिपत्र से प्रभावित हो रहे थे, लेकिन नौ साल का शैक्षणिक कार्य पूरा करने वाले 80 से 90 हजार शिक्षकों को पहले ही 4200 की ग्रेड का लाभ दे दिया गया था लेकिन अभी भी करीब 65 हजार शिक्षक 4200 की ग्रेड पे से वंचित थे। करीब डेढ़ साल से सरकार के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि सरकार के मनमाने फैसले का शिकार उच्च योग्यता वाले शिक्षकों को होना पड़ रहा था। करीब डेढ़ साल के संघर्ष के बाद शिक्षकों को न्याय मिला। सरकार ने घोषणा से पहले शिक्षक आंदोलन के नेता दिग्विजय सिंह जाडेजा, सतीश पटेल व सरदार सिंह से भी चर्चा की।