फ्रांस और बेल्जियम के बीच खेले जाने वाले पहले सेमीफाइनल में जमकर बरसेंगे गोल

1998 में फ्रांस ने डेसचैंप्स की कप्तानी में विश्व कप खिताब जीता था और साल 2000 यूरोपीयन चैंपियनशिप का खिताब भी जीता था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Tue, 10 Jul 2018 11:14 AM (IST) Updated:Tue, 10 Jul 2018 11:48 AM (IST)
फ्रांस और बेल्जियम के बीच खेले जाने वाले पहले सेमीफाइनल में जमकर बरसेंगे गोल
फ्रांस और बेल्जियम के बीच खेले जाने वाले पहले सेमीफाइनल में जमकर बरसेंगे गोल

सेंट पीटर्सबर्ग, एपी। फ्रांस और बेल्जियम के आक्रमक रुख को ध्यान में रखकर उम्मीद की जा रही है कि जब ये दोनों यूरोपीय पड़ोसी टीमें फीफा विश्व कप के पहले सेमीफाइनल के लिए मैदान में उतरेंगी तो गोल की बरसात देखने को मिलेगी। ओवरऑल प्रदर्शन में बेल्जियम की टीम फ्रांस से आगे है। तीन साल पहले दोनों टीमों के बीच जब आखिरी भिड़ंत हुई थी तब बेल्जियम ने फ्रांस को 4-3 से हराया था। विश्व कप में दूसरी सबसे युवा टीम के तौर पर खेल रही फ्रांस की टीम ने 19 वर्षिय युवा स्टार एमबापे, अनुभवी फुलबैक बेंजामिन पावर्ड और लुकास हर्नाडेज के दम पर सेमीफाइनल में जगह बनाई है।

कोचों की काबिलियत दांव पर
फ्रांस के कोच दिदिएर डेसचैंप्स और बेल्जियम के कोच रॉर्बटो मार्टिनेज ने अब तक अपनी-अपनी टीमों को विश्व कप में अपनी रणनीति के हिसाब से सही सेट किया है लेकिन अब दो दिग्गज कोचों की असल परीक्षा होने वाली है। सेमीफाइनल में तय होगा कि किसकी कोचिंग में ज्यादा दम है। दिदिएर डेसचैंप्स फ्रांस के दिग्गज खिलाडि़यों में शुमार रहे हैं और उनके पास विश्व कप में खेलने का भी सुखद अनुभव है। 1998 में जब फ्रांस ने विश्व कप खिताब जीता था जब डेसचैंप्स टीम के कप्तान थे और फिर 2000 यूरोपीयन चैंपियनशिप में भी उन्होंने फ्रांस को अपनी कप्तानी में खिताबी जीत दिलाई। मौजूदा विश्व कप में उन्होंने कई साहसिक फैसले लिए हैं। लेफ्ट में पावर्ड और राइट में हर्नांडेज से शुरुआत कराने का साहसिक फैसला वह इस विश्व कप में ले चुके हैं।

उधर रॉबर्ट मार्टिनेज बेल्जियम का इतिहास सुनहरा करने की कवायत में जुटे हुए हैं। मार्टिनेज भी एक पेशेवर फुटबॉलर रहे हैं जिन्होंने 2016 में बेल्जियम की कोचिंग का जिम्मा उठाया था। उनका कार्यकाल स्पेन के खिलाफ 0-2 से शिकस्त के साथ शुरू हुआ था। उनकी टीम बिना हारे आगे बढ़ रही है। उनके कार्यकाल के दौरान टीम ने बेहद आक्रामक खेल दिखाते हुए 78 गोल दागे हैं।

हैरानी की बात यह है कि इस दौरान केवल एक मैच ही गोलरहित रहा है। बेल्जियम ने सहायक कोच थिएरी हेनरी की देखरेख में इस विश्व कप के पांच मुकाबलों में 14 गोल दागे हैं जो कि इस टीम के आक्रामक रुख की कहानी बयां करती है। यह मार्टिनेज की कुशल कोचिंग का ही नतीजा है कि जापान के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में 0-2 से पिछड़ने के बावजूद बेल्जियम ने जीत हासिल की। तब मार्टिनेज ने दूसरे हाफ में दो बदलाव किए और दोनों ने स्कोर करके अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

लॉरिस बनाम कौर्टोइस
बेल्जियम के कौर्टोइस थिबॉट और फ्रांस के गोलकीपर हुगो लॉरिस के लिए भी परीक्षा की घड़ी है। पिछले दिनों अपने क्लब टॉटनहम और राष्ट्रीय टीम में की गई गलतियों की वजह से लॉरिस की आलोचना हुई है। मौजूदा विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मुकाबले में उन्होंने एक लंबे पास को अपने पीछे जाने दिया जो कि क्रॉस बार से जाकर टकराया। हालांकि लॉरिस ने उरुग्वे के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया था जिसमें उन्होंने कई अहम बचाव किए थे। उधर कौर्टोइस थिबॉट अब तक इस विश्व कप के सबसे अच्छे गोलकीपरों में से एक साबित हुए हैं। ब्राजील के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उन्होंने अपनी काबिलियत का परिचय भी दिया था।

बेल्जियम की ताकत 
बेल्जियम की सबसे बड़ी ताकत है उसके मिडफील्डर हैं। टीम के हरफनमौला खिलाड़ी के तौर पर केविन डि ब्रून और फेलेनी जैसे खिलाड़ी डिफेंडर और अटैक दोनों तरह से टीम को फायदा पहुंचाते हैं। वहीं स्ट्राइकर के तौर पर बेल्जियम की सबसे बड़ी ताकत रोमेलू लुकाकू हैं जो ना सिर्फ खेल से बल्कि अपने विशालकाय शरीर के कारण भी मैदान पर विरोधियों के लिए मुसीबत बनते हैं। मौजूदा विश्व कप में अब तक वह चार गोल कर चुके हैं और गोल्डन बूट की दौड़ में शामिल हैं। सेंट्रल लाइन में लुकाकू को ईडन हैजार्ड का साथ मिलता है जो कि इस टूर्नामेंट में दो गोल दाग चुके हैं।

बेल्जियम की कमजोरी
बेल्जियम की सबसे बड़ी कमजोरी उसका उसका डिफेंस है। ब्राजील के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में टीम का डिफेंस कमजोर दिखा था। ब्राजील के तेज अटैक के सामने टीम का डिफेंस कई बार फेल हुआ। टीम ने अब तक पांच गोल खाए है, जिसमें से दो गोल ट्यूनीशिया ने किए थे। वहीं जापान के खिलाफ भी टीम हारते-हारते बची थी जहां एशियाई टीम ने उसके खिलाफ दूसरे हाफ के शुरुआत में दो गोल की बढ़त हासिल कर ली थी।

फ्रांस की ताकत
फ्रांस के पास भी मिडफील्ड में अच्छे खिलाड़ी हैं। पॉल पोग्बा और एनगोलो कोंटे की मौजूदगी में मिडफील्ड में ही दोनों टीमों के बीच असल मुकाबला होगा। वहीं टीम का डिफेंस बेल्जियम के मुकाबले ज्यादा मजबूत है। टीम आमतौर पर चार डिफेंडरों के के साथ खेल की शुरुआत करती है। टीम के पास राफेल वराने और सैमुअल उमिती जैसे अच्छे डिफेंडर हैं। स्ट्राइकर के मामले में एमबापे और एंटोनी ग्रीजमैन जैसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई हैं।

फ्रांस की कमजोरी
एमबापे जैसे खिलाड़ी होने के बावजूद टीम के अटैक में कमी नजर आती है। टीम मजबूत डिफेंस के सामने अक्सर ही कमजोर साबित होती है। ओलिवर जिरू की मौजूदगी का अब तक टीम को कुछ खास फायदा नहीं हुआ है। फ्रांस ने अब तक नौ गोल किए हैं जिसमें छह गोल एमबापे ने और ग्रीजमैन ने किए हैं। यानी टीम में इन दोनों को छोड़कर सेंट्रल लाइन में कोई और ज्यादा प्रभावित नहीं कर सका है।

हैजार्ड के पास मौका
बेशक बेल्जियम के ईडन हैजार्ड को फ्रांस के साथ पेशेवर फुटबॉल खेलते देखा गया हो लेकिन मौजूदा विश्व कप में वह फ्रांसीसी कोच दिदिएर डेसचैंप्स को करारी चोट पहुंचा सकते हैं। हैजार्ड के माता-पिता पूर्व फुटबॉलर रहे हैं और उनका जन्म ब्रैनी ले कोम्टे में हुआ था। उनका बचपन फ्रांस के बॉर्डर के पास ही गुजरा। 14 वर्ष की उम्र में वह फ्रांस के क्लब लिले से जुड़े और दो साल बाद उन्हें लीग वन में पहली बार खेलने का मौका मिला। देखते ही देखते वह मशहूर होने लगे।

2011 में उन्होंने लिले को लीग वन और लीग कप का खिताब दिलाया। एक ऐसा भी दौर आया जब उनकी तुलना क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोन मेसी जैसे दिग्गज खिलाडि़यों से की जाने लगी। फिलहाल रूस में हैजार्ड एक मिशन पर नजर आ रहे हैं। वह बेल्जियम को पहली बार विश्व कप दिलाने के लिए तत्पर हैं। विंसेंट कोंपानी की टीम में मौजूदगी के बावजूद रॉबर्टो मार्टिनेज ने हैजार्ड को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी। टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले मार्टिनेज ने कहा था कि ईडन अपने करियर के सुनहरे पड़ाव पर हैं। उनकी उम्र को देखिए। एक कप्तान के तौर पर वह गेंद के लिए कभी मुश्किलें नहीं खड़ी करते हैं।

हमें किसी का डर नहीं है। हम शुरुआत से ही विश्वास से भरे हुए हैं और हम खुद से कोई प्रश्न भी नहीं पूछ रहे हैं। कोच ने हमें अपने शब्दों से प्रेरित किया है। हम उनके साथ इस जंग के लिए तैयार हैं।

बेंजामिन पावर्ड, खिलाड़ी, फ्रांस

नंबर गेम

-1986 में आखिरी बार दोनों टीमें विश्व कप में भिड़ी थीं जहां तीसरे स्थान के मुकाबले में फ्रांस ने बेल्जियम को 4-2 से हराया था।

-1986 के बाद पहली बार बेल्जियम की टीम विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची है। तब उसे अर्जेटीना ने हराया था।

-23 मुकाबलों से अविजित है बेल्जियम की टीम। 2016 के यूरो कप क्वार्टर फाइनल में उसे वेल्स के खिलाफ आखिरी बार हार मिली थी।

-14 गोल सर्वाधिक बेल्जियम ने इस विश्व कप में किए हैं। फ्रांस ने नौ गोल दागे हैं।

-09 खिलाडि़यों ने बेल्जियम की ओर से मौजूदा विश्व कप में गोल दागे हैं।

-17 गोल पिछले 13 मुकाबलों में रोमेलू लुकाकू ने बेल्जियम के लिए किए हैं। इस दौरान उन्होंने गोल करने में तीन बार मदद भी की है।

संभावित टीम

फ्रांस : गोलकीपर : लॉरिस (1)। डिफेंडर : पावर्ड (2), वराने (4), उमिती (5), हर्नाडेज (21)। मिडफील्डर : कांटे (13), पोग्बा (6), फेकिर (18)। स्ट्राइकर : ग्रीजमैन (7), एमबापे (10), ओलिवर (9)

कोच : दिदिएर डेसचैंप्स

बेल्जियम : गोलकीपर : थिबॉट (1)।

डिफेंडर : वर्टोगेन (5), कोंपानी (4), एल्डरवेयरल्ड (2)। मिडफील्डर : कारास्को (11), विट्सेल (6), ब्रूने (7), चाडली (22), फेलेनी (8)। स्ट्राइकर : हैजार्ड (10), लुकाकू (9)।

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