फीफा विश्व कप 2018: स्पेन में बड़ा सपना देखने की क्षमता

स्पेन ने पहली बार 2010 में खिताब जीतकर इसे यादगार बना दिया।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 14 Jun 2018 06:23 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jun 2018 08:48 AM (IST)
फीफा विश्व कप 2018: स्पेन में बड़ा सपना देखने की क्षमता
फीफा विश्व कप 2018: स्पेन में बड़ा सपना देखने की क्षमता

जावी

फुटबॉल के मैदान में मेरे सबसे यादगार लम्हे के बारे में सभी को पता है। 2010 में अफ्रीकी धरती पर पहली बार विश्व कप का आयोजन एक ऐतिहासिक क्षण था और स्पेन ने पहली बार खिताब जीतकर इसे यादगार बना दिया। अपने सिर पर विश्व कप ट्रॉफी को उठाने से ज्यादा सुखद अहसास कुछ नहीं हो सकता। 

पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे हमारी फुटबॉल पर गर्व होता है। दुनिया ने इसे पसंद किया और बहुत से लोगों का मानना था कि हमारे जरिये खूबसूरत खेल ने वापसी की। इसके बावजूद स्विट्जरलैंड के हाथों मिली पहली हार ने हमें हिला दिया, लेकिन हमने अपने स्टाइल पर भरोसा नहीं खोया। अगले छह मैचों में लगातार जीत दर्ज कर हमने अपने विश्वास को पक्का किया। एक खिलाड़ी के तौर पर यह सबसे ज्यादा सुखद था। मुझे विश्वास हो चला है कि स्पेन 2014 की कड़वी यादों को भुलाने में कामयाब रहेगा। तीन बड़े टूर्नामेंट तक हमारे दबदबे का यह बहुत ही निराशाजनक अंत था। जूलेन लोपेतेगुई के नेतृत्व में मौूजदा टीम काफी संतुलित दिख रही है। मैनेजर को शुरू से शुरुआत करने की जरूरत नहीं पड़ी और हर विभाग में हमारे पास लीडर हैं और हमारे खिलाड़ी यूरोप की शीर्ष लीग में खेल रहे हैं।

2016 की यूरोपीय चैंपियनशिप में विफलता के बाद स्पेन ने उत्साहजनक वापसी की है। इसकी झलक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में देखने को मिल ही चुकी है। लोग कह सकते हैं कि इटली को छोड़कर ग्रुप में कोई बड़ी टीम नहीं थी, लेकिन 10 मैचों में 36 गोल करने और सिर्फ तीन गोल खाना पूरी कहानी बयां करता है। यह टीम स्कोर करने के साथ-साथ बचाव करना भी जानती है। डिएगा कोस्टा की मौजूदगी से आक्रमण को नई धार मिली है। गोलकीपर डेविड डी गिया की वजह से डिफेंस काफी शानदार दिख रहा है। बेंच पर बैठे खिलाड़ी भी उतने ही मजबूत हैं। अच्छी बात यह है कि कोई भी खिलाड़ी चोट को लेकर चिंतित नहीं है। इस टीम के साथ हम बड़ा सपना देख सकते हैं और देखेंगे भी। 

मेरे करियर के दौरान दुनिया के सर्वश्रेष्ट मिडफील्डर के साथ खेलना मेरे लिए खुशी की बात है और यह देखकर अच्छा लग रहा है कि वह जादू फिर से वापस लौट आया है। मेरे दोस्त इनेस्ता आक्रमण का नेतृत्व करेंगे और उनके साथ डेविड सिल्वा और इस्को भी होंगे। बुसक्वेट्स के साथ थियागो अल्कांतारा या कोके पर विपक्षी टीम पर विपक्षी टीम को छकाने की जिम्मेदारी होगी। यह मैनेजर पर निर्भर करेगा कि टीम किस संयोजन के साथ खेलेगी। मेरा मानना है कि उन्हें उसी ढंग से खेलने देना चाहिए, जैसा वे खेलते रहे हैं, जो कि आक्रामक ब्रांड है। 

जहां तक अन्य टीमों की बात है, तो ब्राजील के पास केसमीरो, पॉलिन्हो और अगुस्तो के रूप में अच्छे मिडफील्डर हैं। चार साल पहले उनका यह पक्ष कमजोर था, लेकिन अब लगता है कि उन्होंने उपयोगी खिलाड़ी हासिल कर लिए हैं। बेल्जियम भी इस विभाग में काफी मजबूत है। हम देख ही चुके हैं कि पेप गार्डिओला के नेतृत्व में मैनचेस्टर सिटी को ईपीएल खिताब दिलाने में केविन डी ब्रून ने कितनी अहम भूमिका निभाई थी। जर्मनी के पास ओजिल, खेदिरा और क्रूस हैं। फ्रांस भी बुरी टीम नहीं है। इन सभी टीमों में एक या दो मिडफील्डर ऐसे हैं, जो अपनी क्षमता से मैच पर नियंत्रण बना सकते हैं। यह देखना रोचक होगा कि वे परिस्थितियों के दबाव को कैसे झेल पाते हैं। मैं यह मानता हूं कि आक्रामक फुटबॉल ज्यादा अच्छी लगती है, लेकिन मैं शारीरिक क्षमता से ज्यादा कौशल को देखना चाहूंगा। मेरे लिए तकनीक, प्रतिभा और इरादा ज्यादा अहम है। पिछले चार संस्करणों में मैं एक खिलाड़ी था। अब एक प्रशंसक के तौर पर फुटबॉल का लुत्फ उठाने का समय आ गया है, मुझे इसका बेसब्री से इंतजार है। स्पेन आगे बढ़ो।

जावी प्रोफाइल

- स्पेन के मिडफील्डर जावी को दुनिया के सबसे काबिल खिलाडिय़ों में से एक माना गया जिन्होंने 133 मुकाबलों में अपनी राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।

- 2010 में विश्व चैंपियन बनने वाली स्पेन की टीम का जावी अहम हिस्सा थे।

- 1999 में वह अंडर-19 विश्व कप का खिताब जीतने वाली स्पेन टीम में भी शामिल थे।

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